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जलते जंगल- तपते पहाड़, सो रहा प्रशासन और समाज

पी. चंद |

हिमाचल के जंगलों में दिन-प्रतिदिन आग लगने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। ऐसा ही एक मामला ज़िला सोलन के अंतर्गत आने वाले बड़ोग से है। यहां के जंगल आग से दहक रहे हैं। बताया जा रहा है कि बड़ोग के जंगलों में बीते कई दिनों से आग लगी हुई है। लेकिन इसको बुझाने के लिए कोई आगे नहीं आ रही है।

इसे प्रसाशन की लापरवाही कहें या लोगों का कसूर। दोनों ही सूरतों में जंगल का जीवन जल रहा है। हेलीकॉप्टर से आग बुझाने का दावा करने वाले वन विभाग के दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। जंगल जल रहे है, पहाड़ तप रहे है शासन प्रशासन कुम्भकर्ण की नींद सोया हुआ है।

जंगलों का सबसे बड़ा दुश्मन घास का लालच है। रही सही कसर चीड़ की भस्मासुर पत्तियां निकाल देती है। चीड़ के जंगल मे ज़रा सी चिंगारी तांडव का रूप धारण कर लेती है और देखते ही देखते जीव जंतुओं व वन संपदा को खाक में मिला देती है। सरकारें आगजनी व जंगलों के नाम पर करोड़ों का खर्चा कर देती है। बाबजूद इसके हर साल गर्मियों में आग से जंगलों को करोड़ों का नुकसान पहुंचता है।