चंडीगढ़ में घूस लेते हुए रंगे हाथों पकड़े गए उद्योग विभाग के संयुक्त निदेशक को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। सीबीआई जांच में यह पता लगाया गया है कि तिलकराज पिछले तेरह साल में बद्दी में ही तैनात था। कई बार उसके ट्रांसफर ऑर्डर आए लेकिन हर बार वह उन्हें रद्द करवा देता था।
तिलकराज का ऐसा करना कहीं न कहीं ये जरूर दर्शाता है कि उसकी सत्ता में अच्छी पकड़ थी जिसके कारण उसने तबादलों को रुकवाने का काम किया और तेरह साल से एक ही जगह पर रहकर काम किया। इस साल फरवरी में भी उसका तबादला शिमला में किया गया था, लेकिन आरोपी शिमला नहीं गया और उसके दो महीने बाद तबादला भी रद्द कर दिया गया।
बता दें कि उद्योग विभाग में नौकरी करने से पहले आरोपी चंबा में अर्थ शास्त्र विषय का प्रवक्ता था। उद्योग विभाग में नौकरी लगी तो उसने 2004 में सोलन में मैनेजर के पद पर ज्वाइन किया। इस बीच, आरोपी के दो तबादले अंब और ऊना भी हुए। डेढ़-दो साल बाद वह वापस बद्दी आ गया। तब से करीब 11 साल तक आरोपी बद्दी में ही सेवाएं देता रहा है।