Follow Us:

नहीं दबा सके मामला, क़ानून के शिकंजे में SP शिमला

समाचार फर्स्ट डेस्क |

कोटखाई गैंगरेप-मर्डर मामले में शिमला के एसपी डी डब्ल्यू नेगी की कार्यशैली पर अभी सवाल उठ ही रहे थे कि दूसरे मामले ने उनके लिए फजीहत खड़ी कर दी है। मामला 13 जून का है और एसपी DW नेगी पर आरोप है कि उन्होंने रिकांगपिओ के एक शख्श को आत्महत्या के लिए मज़बूर किया। मामले में मृतक के परिजनों का आरोप है कि एसपी नेगी के रसूख की वजह से पुलिस इस मामले को दबाने में जुटी है।

13 जून को रिकांगपिओ में खयाडुप ज्ञाछो (45) ने खुदकुशी की थी। उनका शव रिकांगपियो टैक्सी स्टैंड के पास मिला था। इस मामले में मृतक की पत्नी भजन देवी ने मजिस्ट्रेट के सामने धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया है। मृतक की परिजन पिछले महीने से ही FIR दर्ज कराने के लिए थाने के चक्कर काट रही थीं। लेकिन, पुलिस द्वारा मामले को दबाने की कोशिश को देखते हुए उन्होंने इंसाफ के लिए अदालत का रुख किया।

गौरतलब है कि ज्ञाछो ने आत्महत्या में एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उन्होंने एसपी नेगी समेत पूह थाने के ASI रमेश और हेड कॉन्सटेबल हुकुम का जिक्र किया था। चौंकाने वाली बात यह है कि एएसआई और हेड कॉस्टेबल को तो तत्काल प्रभाव से लाइन हाजिर कर दिया गया। लेकिन, एसपी नेगी से पूछताछ भी नहीं की गई। पुलिस की नीयत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जब वह मामले को दर्ज कर रही थी तब उन्होंने सुसाइड नोट में जिक्र की गई बातों को नज़रअंदाज करके अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर रही थी।