करसोग-चैलचौक मार्ग पर डीएसपी करसोग के वाहन और स्कूटी टक्कर मामले में नया मोड़ आ गया है। जहां घटनास्थल से पुलिस वाहन को हटाने और साक्ष्यों से छेड़छाड़ करने के वीडियो वायरल हुए है । वहीं पीजीआई मे भर्ती घायल ने मीडिया को दिए ब्यान में कहा है कि तेज रफ्तार पुलिस वाहन द्वारा टक्कर मारी गई है ।
बताया जा रहा है कि दुर्घटना उपरांत पुलिस ने अपने वाहन को मौके से हटा लिया था और कुछ दूर आगे ले गए जहां पर पिछले टायर के ऊपर की साईड बिडिंग भी गिरी हुई पाई गई। इसके बाद पुलिस जीप को वापिस लाई और रोड पर नए टायर के मार्क बना कर जीप को मोड़ पर पहाड़ी के साथ सटा कर खड़ा किया गया जबकि उसके असल टायर प्रिंट व घटना स्थल कुछ फ़ीट आगे था और वहीं पर ही शीशे व प्लास्टिक के टुकड़े भी पाए गए थे। जहां पर रोड भी चौड़ा और खुला था ।
घटना उपरांत मौके पर उपस्तिथ युवकों ने वीडियो बनाने के दौरान पुलिस कर्मियों और जीप ड्राईवर से भी बातचीत की गई और जिसमे बताया जा रहा है कि पुलिस सीन को री क्रिएट करने के लिए वाहन को दुबारा घटना स्थल से कुछ दूरी पर ला कर खड़ा किया गया है। बताया जा रहा है कि घटना उपरांत जब वाहन को दुबारा घटना स्थल के नजदीक लाया गया उस समय डीएसपी करसोग स्वयं मौके पर खड़े थे।
बताया जा रहा है कि दुर्घटना उपरांत कुछ लोगों द्वारा घायलों को इलाज के लिए निजी लाल रंग के वाहन द्वारा अस्पताल पहुंचाया गया था और परिजनों से समझोते की बात भी चल रही थी लेकिन इसी बीच गोहर पुलिस द्वारा स्कूटी स्वार के विरुद्ध ही मामला दर्ज कर लिया गया।
समय पर उपचार न मिलने पर घायल देर रात पीजीआई रेफर, स्वास्थ्य सेवाओं की फिर से खुली पोल
बुरी तरह से घायल भास्कर पुत्र दिवान चंद निवासी सुंदरनगर को गोहर अस्पताल से नेरचौक मैडीकल कॉलेज रेफर किया गया लेकिन सीटी स्कैन उपलब्ध न होने के चलते सुंदरनगर ले जाया गया जहां से नेरचौक मेडिकल कॉलेज ले जाया गया लेकिन वहां पर न्यूरो सर्जन न होने के चलते घायल को पीजीआई रेफर किया गया लेकिन अस्पताल में एम्बुलेंस न होने के चलते देर रात 108 एम्बुलेंस को सुंदरनगर से मंगवाया गया और पीजीआई भेजा गया।