दिल्ली के बवाना इंडस्ट्रियल ऐरिया में जिस फैक्ट्री में आग लगी थी वो दरअसल अवैधी थी। इस अग्निकांड में 17 लोग जिंदा जलकर काल के गाल में समा गए । पुलिस ने इस सिलसिले में फैक्ट्री के मालिक मनोज जैन को गिरफ्तार कर लिया है। मनोज जैन ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उसने ये फैक्ट्री किराए पर ली थी । इस फैक्ट्री में अवैध रूप से पटाखे बनाए जा रहे थे। मनोज जैन ने बताया कि वो बड़े पैमाने पर होली और स्टेज शो के लिए पटाखों की पैकिंग करवा रहा था। वहीं उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा है कि बवाना हादसे की जांच प्रिंसिपल सेक्रेटरी होम को दे दी गई है।
वहीं इस अग्निकांड पर आरोप प्रत्यारोप का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। दरअसल एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें दिल्ली की मेयर और बीजेपी की नेता प्रीति अग्रवाल घटना स्थल पर पहुंचती हैं और अपने सहयोगी से कहती हैं 'इस पर ज्यादा ना बोलो,इस फैक्ट्री का लाइसेंस उनके पास है'। इस वीडियो के वायरल होने के बाद आम आदमी पार्टी ने प्रीति अग्रवाल को निशाने पर ले लिया है। वहीं इस वायरल वीडियो पर प्रीति अग्रवाल ने सफाई देते हुए कहा कि 'मैंने अपने सहयोगी से सिर्फ पूछा था कि यह फैक्ट्री किसके अधिकार क्षेत्र में आती है और कौन इसे लाइसेंस देता है'। प्रीति अग्रवाल ने इस वीडियों को फेक करार देते हुए कहा कि,वीडियो बनाना और लोगों के बीच इसको लेकर भ्रम फैलाना सही है, 'मैं इसकी आलोचना करती हूं, मैं अपेक्षा करती हूं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अपनी इस हरकत के लिए माफी मागेंगे'।
गौरतलब ही कि शनिवार को इस हुए इस अग्निकांड में 17 लोगों की मौत हुई है जिसमें 9 महिलाएं और 1 नाबालिग लड़की भी शामिल है। दिल्ली सरकार ने इस घटना की जांच का आदेश जारी कर दिए हैं। दिल्ली सरकार ने मृतकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपये और घायल हुए लोगों के परिवारों को 1-1 लाख रुपये की सहायता राशि देने का ऐलान किया है। हादसे में मरने वाले पांच लोगों की पहचान अभी तक हो चुकी है और इसमें अधिकतर लोग यूपी के सीतापुर के रहने वाले है।