Follow Us:

पहले नाबालिग लड़की को घर से जबरन उठा ले गए दरिंदे, फिर रेस्टोरैंट में किया गैंगरेप

सुनिल ठाकुर, बिलासपुर |

बिलासपुर जिला मुख्यालय के साथ लगने वाले एक गांव में मजदूरी करने वाले एक नेपाली मूल के व्यक्ति की नाबालिग बेटी को कुछ युवकों ने जबरन उसके घर से उठा लिया। आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली इस बेटी को शहर में ही स्थित एक बार रेस्टोरेंट में इन युवकों ने दूध में नशीला पदार्थ मिलाकर इसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया।

घर से गायब हुई इस बेटी के पिता व परिवार के बाकी लोग उसे चौब्बीस घंटे तक तलाशते रहे जब नहीं मिली तो स्थानीय लोगों की मदद से पिता महिला थाने पहुंचा। महिला थाने में तैनात महबिलासपुर जिला मुख्यालय के साथ लगने वाले एक गांव में मजदूरी करने वाले एक नेपाली मूल के व्यक्ति की नाबालिग बेटी को कुछ युवकों ने जबरन उसके घर से उठा लिया।

आठवीं कक्षा में पढने वाली इस बेटी को शहर में ही स्थित एक बार रेस्टोरेंट में इन युवकों ने दूध में नशीला पदार्थ मिलाकर इसके साथ कथित तौर पर दुष्कर्म किया। घर से गायब हुई इस बेटी के पिता व परिवार के बाकी लोग उसे चौब्बीस घंटे तक तलाशते रहे जब नहीं मिली तो स्थानीय लोगों की मदद से पिता महिला थाने पहुंचा। महिला थाने में तैनात महिला पुलिस कर्मी पिता की शिकायत पर इस लडकी को तुरंत खोजकर कानूनी कार्रवाई करने के बजाए एक आरोपी के मोबाइल नंबर पर फोन करके उसे थाने में बुलाती रहीं लेकिन आरोपी नहीं आए। शाम के समय में पिता को लडकी बस स्टैंड के पास पार्क में मिली।

 महिला थाने की पुलिस भी मौके पर गई लेकिन इस संबंध में तुरंत लडकी का मेडिकल करवाकर एफआईआर दर्ज करने के बजाए थाने की पुलिस ने पिता को बेटी को घर ले जाने के लिए बोल दिया और मामले में अगली कार्रवाई नहीं की। पिता ने जब घर जाकर लहुलुहान बेटी की हालत देखी तो चाइल्ड हेल्पलाइन पर फोन करके मदद मांगी।

कुछ संगठन आगे आए तो इसके बाद ही बेटी को जिला अस्पताल में मेडिकल के लिए ले जाया गया। पूरे मामले में महिला पुलिस थान की लापरवाही साफ उजागर हुई है। लडकी के पिता ने बताया कि उसकी तीन बेटियां हैं। वह नेपाल से बिलासपुर जिले में कुछ वर्ष पहले मजदूरी करने आया था। छह अक्तूबर को उसकी आठवीं कक्षा में पढने वाली बेटी जब शाम को घर में नहीं दिखी तो उसने उसकी काफी देर तक तलाश की। रात भर वे उसकी तलाश में भटकते रहे।

पिता ने बताया कि उसकी बेटी को बिलासपुर शहर की मेन मार्किट में ही एक बार रेस्टोरेंट में काम करने वाला एक युवक व बिलासपुर चंडीगढ रोड पर ही एक अन्य रेस्टोरेंट में काम करने वाले दो और युवक जबरदस्ती उठाकर ले गए। रात भर इन्होंने लड़की के साथ दुष्कर्म किया। उसे दूध में नशे पिलाकर उसके साथ यह दुष्कर्म किया गया।

पिता ने बताया कि अगले दिन वह महिला पुलिस थाना में गए लेकिन वहां तैनात महिला पुलिस कर्मियों ने उसके बयान पर तुरंत एफआईआर दर्ज करने के बजाए मामले में गंभीरता नहीं बरती और लडकी को कहीं अगवा करके छिपे बैठे युवक के मोबाइल पर फोन करके पुलिस कहती रही कि वह लडकी को लेकर आ जाए।

सारा दिन महिला पुलिस थाना से कोई कार्रवाई नहीं हुई। शाम को पिता को बताया गया कि उसकी बेटी बस स्टैंड के पीछे किसी पार्क में है। वहां पहुंचे पिता ने जब पुलिस को कार्रवाई के लिए कहा तो महिला पुलिस कर्मियों ने कहा कि आपको आपकी बेटी मिल गई और अब आगे इसमें कुछ नहीं होगा। इसे लेकर घर चले जाओ। अनपढ पिता भी बेटी को साथ लेकर घर चला गया। वहां जाकर जब बेटी लहुलुहान हालत में देखा तो उसके रौँगटे खडे हो गए।

पिता का कहना है कि महिला पुलिस को उसने बच्ची का डॉक्टरी मुआयना करने के लिए कहा लेकिन पुलिस ने इंकार कर दिया जिससे वह बेटी को लेकर घर आ गया। उसने अपने कुछ जान पहचान के लोगों व पंचायत प्रतिनिधियों तथा चाइल्ड हेल्पलाइन से जुडे हुए लोगों से संपर्क किया।

इसके बाद जाकर महिला पुलिस ने इस मामले में नाबालिग के अपहरण की एफआईआर दर्ज की। पुलिस इसके बावजूद बेटी का मेडिकल करवाने के लिए गंभीरता नहीं दिखा रही थी। पिता का कहना है कि उन्होंने जब पुलिस को बार बार मेडिकल करवाने के लिए कहा तो पिछले दो दिनों से जिला अस्पताल में बेटी का मेडिकल हुआ है। लेकिन अभी तक मुलजिम खुले घूम रहे हैं। इन्हें गिरफ्तार नहीं किया जा सका है। डीएसपी संजय शर्मा ने कहा मामला दर्ज हो गया है  पुलिस छानबीन कर रही है।