हिमाचल प्रदेश जिसे देवभूमि के नाम से जाना जाता है। यहां की पुलिस खुद को निष्पक्ष कहती है जिसकी वर्दी पर हमीरपुर रेप केस को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। कुछ दिन पहले हमीरपुर में 5 साल मासूम से दुष्कर्म के मामला सामने आया था। इस मामले पर पीड़िता की मां ने एक बड़ा खुलासा किया है।
पीड़िता बच्ची की मां का कहना है कि मामले को दबाने के लिए कई तरीकों से दबाव बनाया जा रहा है और केस को रफा-दफा करने के लिए 15 लाख रुपये तक की मांग भी की गई। जांच प्रकिया के दौरान थाने के बाहर रिश्तेदारों के जरिए यह मांग की गई है। पीड़िता की मां सिर्फ इंसाफ की गुहार लगा रही है।
इस मामले पर अखिल भारत नेपाली एकता मंच भी सामने आया है। नेपाली एकता मंच को हमीरपुर पुलिस की कार्यप्रणाली पर भरोसा नहीं है, इसलिए पीड़िता और उसके परिवार को शिमला लाया गया है। शिमला के कमला नेहरू अस्पताल में पीड़िता का मेडिकल करवाया गया है।
नेपाली एकता मंच का आरोप है कि पीड़ित परिवार को ना तो मेडिकल की कॉपी दी जा रही है और ना ही एफआईआर की जा रही है। मामले को दबाने की कोशिश की जा रही है। यहां तक की पैसों की भी मांग की जा रही है। पीड़ित परिवार के साथ पुलिस के व्यवहार को लेकर भी कई सवाल उठाए हैं।
इस मंच के सदस्य भोला राम का कहना है कि पुलिस केवल इतना कह रही है कि उसे रेप का शक है। लेकिन मेडिकल में अब तक दुष्कर्म की पुष्टि नहीं हुई है, जबकि पीड़िता के गुप्तांग में दर्द है। उसका उपचार किया जा रह है। नेपाली एकता मंच ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए।
ये है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, चार जून का यह मामला है। 47 साल के दुकानदार पर पांच साल की बच्ची से रेप के आरोप में मामला दर्ज किया गया। बच्ची और उसका परिवार जिला मुख्यालय में किराये के मकान में रहता है। प्रवासी परिवार नेपाली मूल का है। बच्ची को पेटदर्द की शिकायत होने पर उसने परिजनों को पूरी बात बताई। इसके बाद पुलिस ने शिकायत के आधार पर पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज़ किया है। आरोप है कि आरोपी रोजाना बच्ची को टॉफी और चॉकलेट देता था। पीड़ित जिस किराये के मकान में रहती है, उससे कुछ ही दूरी पर आरोपी दुकान करता है। उसने पीड़ित को चॉकलेट देने के बहाने बुलाया और उसके साथ बार-बार रेप किया।