हिमाचल के बहुचर्चित 6 हजार करोड़ का महाघोटाला करने वाली सिरमौर के पांवटा साहिब के तहत माजरा में स्थित इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के मामले में अब आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारी भी सीआईडी के राडार पर है।
सीआईडी द्वारा इस महाघोटाले में सिरमौर के डीसी रहे पूर्व आईएएस अधिकारी के बेटे एवं कंपनी के निदेशक रहे विनय शर्मा को गिरफतार किया जा चुका है। लिहाजा अब जैसे-जैसे सीआईडी की जांच आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे अब आबकारी एवं कराधान विभाग के अधिकारियों की भी बारी जल्द आने वाली है। सीआइडी सूत्रों के मुताबिक कई अधिकारी जल्द इस मामले में आरोपी बनेंगे, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी होगी। इससे सिरमौर में उड़नदस्ते में तैनात रहे स्टाफ से लेकर कई अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
इंडियन टेक्नोमेक कंपनी के लिए कच्चा माल विदेशों से आता था, जो आबकारी एवं कराधान विभाग के बैरियरों पर कैसे चेक नहीं हुआ? असल में यह माल आया ही नहीं और न ही तैयार माल बाहर गया। सब कागजों में ही फर्जीवाड़ा किया गया। बैंकों से कर्ज लेने के लिए उत्पादन और टर्नओवर ज्यादा दिखाया गया। मगर हकीकत में ऐसा नहीं था। सीआईडी जांच से आबकारी विभाग की भी मिली भगत सामने आई है।
इससे पूर्व में सिरमौर में तैनात रहे अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। आरोपियों ने केंद्रीय आबकारी और राज्य आबकारी एवं कराधान विभाग के भी फर्जी दस्तावेज तैयार किए थे। टैक्स के रूप में हिमाचल सरकार को करीब 22 करोड़ रुपये का चूना लगाने में विभाग की मिलीभगत सामने आई है।
135 बीघा की रजिस्ट्री करने में सरकार को एक से डेढ़ करोड़ का अलग से चूना लगाया गया था, जिस पर सीआईडी एक और एफआइआर दर्ज कर सकती है। इसमें कागजातों की जांच की जा रही है। महाघोटाले का मास्टरमाइंड कंपनी का मालिक एवं प्रबंध निदेशक दिल्ली निवासी राकेश शर्मा भारत से फरार है और विदेश में है।