शिमला में गुड़िया को इंसाफ दिलाने के लिए लोगो का गुस्सा सातवें आसमान पर है। गुड़िया मामले को लेकर भले ही सरकार ने सीबीआई जांच के आदेश दे दिए हैं। बावजूद इसके सड़को पर जनआक्रोश नज़र आ रहा है। शिमला में छात्र संगठनों से लेकर राजनीतिक दल और आमजन सभी आज विरोध जताते नज़र आए।
शिमला के कोटखाई गुड़िया रेप मर्डर मामला थमता नज़र नहीं आ रहा है। छात्रा के साथ की गई दरिंदगी को लेकर पूरा हिमाचल उबल रहा है। शनिवार को विभिन्न छात्र और जन संगठनों ने इस घटना को लेकर धरने-प्रदर्शन किए और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की है। शनिवार को छात्र संगठन SFI, ABVP ने विरोध के चलते शिमला समेत पूरे हिमाचल के महाविद्यालयों में आज कक्षाओं का बहिष्कार किया है।
SFI ने इस घटना में शामिल दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा देने की मांग करते हुए उपायुक्त कार्यालय के बाहर धरना दिया है। SFI ने मासूम छात्रा को इंसाफ दिलाने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
वहीं, युवा भारत ने भी शिमला में गुड़िया को इंसाफ दिलाने के लिए डीसी आफिस के बाहर धरना दिया है। युवा भारत के अध्यक्ष सुनील ठाकुर ने कहा कि पुलिस और प्रशासन तंत्र मामले को सुलझाने में असफल रहा है। पुलिस की नाकामी के चलते जन आक्रोश उमड़ा है। सरकार ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए अब मामले को CBI को सौंपना पड़ा है। उन्होंने इस घटना के गुनहगारों को गिरफ्तार कर उनको फांसी की सजा दिलाने की मांग की है।
वहीं, दूसरी ही तरफ शिमला नागरिक सभा का धरना प्रदर्शन जारी है। गुड़िया के लिए इंसाफ की मांग रहे प्रदर्शनकारियों ने धारा 144 का उल्लंघन कर दिया। रिज पर एकजुट होकर सैकड़ों छात्र सरकार और पुलिस की निंदा कर रहे हैं।