हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला में मानवता को शर्मसार करने का मामला सामने आया है। यहां नगरोटा बगवां विधानसभा क्षेत्र के तहत पड़ते पठियार गांव में एक नवविवाहिता ने शादी के तीन महिने बाद बच्ची को जन्म दे दिया। लेकिन लोकलाज से बचने के लिए दंपति ने अपनी नवजात बच्ची को जन्म लेते ही दफना दिया है। दंपति की शादी दिसंबर 2021 में हुई थी। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर नवजात बच्ची के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए टांडा अस्पताल भेज दिया है। पुलिस ने घटना के संबंध में मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
जानकारी के अनुसार गर्भवती महिला का प्रसव घर में ही करवाया गया। घर में प्रसव के कारण महिला को रक्तस्राव हुआ तो परिजन निजी अस्पताल ले गए, लेकिन शक होने पर डॉक्टरों ने उपचार से मना कर दिया और घर लौट गए। घर में तबीयत ज्यादा बिगड़ी देख महिला को टांडा मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहीं जब डॉक्टर्स ने तबियत बिगड़ने का कारण पूछा तो दंपती आनाकानी करने लगा। लेकिन जब डॉक्टरों ने मामला पुलिस को सौंपा तो पूलिस की पूछताछ के दौरान दंपति ने बताया कि उनको बेटी हुई थी और उसे गांव के पास कूहल में दफना दिया गया है।
इसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर नवजात बच्ची के शव को कूहल से बरामद कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। ताकि यह पता चल सके कि जन्म के दौरान मासूम जीवित थी या मृत पैदा हुई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस आगामी कार्रवाई करेगी। फिलहाल पुलिस ने महिला व उसके पति के खिलाफ मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
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