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हिमाचल: लैंडस्लाइडिंग से अब तक का सबसे बड़ा हादसा, छिन गई कई जिंदगियां

समाचार फर्स्ट डेस्क |

हिमाचल में बरसात का कहर शनिवार रात को इस कदर टूटा कि न जाने कितनी जिंदगियां छीन गया। मंडी में शनिवार देर रात को कोटरोपी के पास लैंडस्लाइडिंग होने से पूरी पहाड़ी दरक गई और सड़क पर जा गिरी। इस हादसे में दो सरकारी बसों सहित कुछ छोटे वाहन भी चपेट में आ गए। यह हिमाचल प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा हादसा है।

यह दोनों एचआरटीसी की बसें हैं, जिनमें से एक का रूट मनाली-कटरा और दूसरी का रूट चंबा-मनाली है। ये दोनों बसें यहां पर चाय-पान के लिए रुकी हुईं थीं। चाय-पान के बाद टी-स्टॉल से चंबा-मनाली बस के सभी यात्री बस में सवार हो गए थे और बस जाने की तैयारी में थी, वहीं दूसरी बस भी थोड़ी देर में चलने वाली थी। इस बस के कुछ यात्री अभी बाहर थे, इन्हें पहाड़ी के गिरने का पता चल गया। ये लोगों तुरंत वहां से भाग गए और सेफ जगह जाकर अपनी जान बचा ली। इस हादसे में टी-स्टॉल भी दब गया है, लेकिन यहां के लोग संभल गए थे और भागकर अपनी जान बचा ली।

NDRF और आर्मी रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी

NDRF की टीम शनिवार रात से ही रेस्क्यू में जुटी हुई है, वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए आर्मी को भी बुला लिया गया है। मनाली-कटरा जा रही बस को तो सेना और NDRF की टीम ने मलबे की नीचे से ढूंढ निकाला है, जिसमें से अभी तक 10 लोगों के शवों को निकाला जा चुका है, लेकिन करीब 50 लोगों के दबे होने की आशंका है। हादसे में करीब 10 लोगों के घायल होने की खबर है। चंबा से मनाली बस पर पहाड़ी का मलबा गिरने से वह करीब एक किलोमीटर नीचे खाई में गिरकर दब गई थी।

रात को आ रही थी चिल्लाने की आवाजें, अब खामोशी
 
आर्मी और NDRF की टीमों के साथ स्थानीय लोग भी रात से ही राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं। लोगों का कहना है रात को पीड़ितों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें आ रही थी, लेकिन अब कोई आवाज नहीं है। यहां स्थानीय लोगों के कुछ मकानों पर भी मलबा गिरने से वे जमींदोज हो गए हैं। हादसे वाली जगह पर मंज़र इतना दर्दनाक है कि देखकर रूह कांप जाए।

जाने कितनी और जिंदगियां दबी हैं मलबे के नीचे

हिमाचल में बरसात की वजह से होने वाला अब तक का यह सबसे बड़ा भूस्खलन है। इससे पहले कभी इतना बड़ा भूस्खलन नहीं हुआ, जिससे इतनी तबाही हुई हो। बरसात से हादसों की खबरें तो आए दिन आ रही थीं, लेकिन इस हादसे ने तो पूरे हिमाचल को दहला दिया है। न जाने कितनी और जिंदगियां इस मलबे के नीचे दबी हैं और न जाने कितनी दम तोड़ चुकी हैं।