शिमला के IGMC में एक युवक की मौत पर बवाल खड़ा हो गया है। यहां पीड़ित पक्ष ने युवक की मौत के बाद डॉक्टर और अस्पताल की कार्यप्रणाली में संगीन आरोप जड़ दिए। मृतक के परिजनों का कहना है कि डॉक्टर की लापरवाही से युवक की मौत हुई है। उन्हें बिलासपुर से यहां रेफर किया गया, जिसके बाद डॉक्टर ने मरीज़ का ढंग से इलाज नहीं किया।
युवक की दोस्त के मुताबिक, मरीज़ को पथरी की शिकायत थी और वे काफी दर्द से जूझ रहा था। जब IGMC पहुंचे तो यहां डॉक्टर ने उसे पहले हड्डी की परेशानी बताई और बाद में किडनी की शिकायत दी। डॉक्टर ने साफ कहा था कि इसका ऑपरेशन करना पड़ेगा। जब उन्होंने हामी भर दी और तो उक्त मरीज़ को एडमिट कर लिया गया। 10 सितंबर को अचानक दर्द पड़ने पर डॉक्टरों ने उसे इंजेक्शन दिया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने ये भी कहा कि डॉक्टर औऱ नर्सिस मरीज को देखने में आना-कानी कर रहे थे। जब उन्होंने डॉक्टर की मरीज की पेन के बारे में बताया तो वे उन्हें ऊपर-नीचे चक्कर लगाकर छकाते रहे। बाद में ज्यादा कहने पर उसे इंजेक्शन दिया गया, जिसके 5 मिनट बाद उसकी मौत हो गई।
यहां तक परिजनों ने बताया कि डॉक्टर ने उसके मौत का कारण हार्ट अटैक बताया है। उन्होंने शक जाहिर करते हुए जांच की मांग की है। फिलहाल परिजनों की शिकायत पर लक्कड़बाज़ार पुलिस चौकी ने मामला दर्ज कर लिया है और शव का पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस आगामी कार्रवाई अमल में लाएगी।