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महिला का आरोप- पुलिसकर्मियों ने की मारपीट, नन्हीं बच्ची को भी नहीं बख़्शा

मृत्युंजय पुरी |

कांगड़ा के फतेहपुर में एक बार फिर ख़ाकी पर सवाल उठे हैं। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि पुलिस ने बिना किसी के रिटन पेपर के उनके मकान का काम रुकवाना चाहा। जब उन्होंने पुलिसवालों को रोकना चाहा और उनसे 'स्टे ऑर्डर' मांगे तो वे बदतमीजी पर उतर आए। यहां तक पुलिस वालों ने एक महिला पर हाथ भी उठाये और उसकी बच्ची को भी उठाकर पटका।

जी हां, फतेहपुर के बतराहण पंचायत में रैहन पुलिस के 2 पुलिसकर्मियों पर ये संगीन आरोप जड़े हैं। पीड़ित महिला का आरोप है कि पुलिस ने किसी रसूखदार के कहने पर ये सब किया है। इस संदर्भ में पीड़ित अनु बाला पत्नी इशु कुमार ने वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को ऑनलाइन शिकायत की है। आरोप लगाया है कि शनिवार शाम 6 बजे दो रैहन के दो पुलिस वाले उनके घर पहुंच कर गाली-गलौज करने लग पड़े।

यही नहीं, महिला ने पुलिस ने जाति सूचक शब्द कहने के साथ अपशब्दों का प्रयोग करने के आरोप भी लगाए। पुलिस ने कहा कि हम पुलिस वाले होते हैं, हम अंदर करने में एक मिनट का समय भी लगाते हैं। पीड़िता ने बताया कि जब उसी वक्त उनके पति घर पहुंचे तो उन्होंने पुलिस वालों को पूछा कि आप को‌ किसी ने शिकायत की है या कोई कोर्ट के आदेश हैं तो पुलिस ने कहा कि तुम ज्यादा कानूनी मत बनो। हम पुलिस वाले हैं। हम आप जैसों को सीधा करना जानते हैं।

'बिना महिला पुलिसकर्मी के पुलिस वालों ने लगाया हाथ'

पीड़िता का कहना है कि पुलिस ने उसके व उसकी नन्ही बेटी के साथ मारपीट की और साथ में बने खड्डे में धकेल दिया। यहां तक उनके साथ कोई भी महिला पुलिसकर्मी नहीं थी, फिर भी उन्होंने उससे धक्का-मुक्की की। पीड़िता महिला और उसके परिजनों ने इंसाफ की गुहार लगाते हुए ऐसे पुलिस वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की मांग की है। वहीं, डीएसपी साहिल अरोड़ा का कहना है कि इस मामले पर जांच की जाएगी, जो भी दोषी हुआ उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

महिला के आरोपों को पुलिस ने बताया निराधार

मौके पर गए HC अशोक कुमार से इस बारे में पूछा तो उन्होंने सारे आरोपों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि गांव के ही एक बुजुर्ग पूर्व सैनिक उनके पास आए थे। उन्होंने कहा कि उसकी जमीन को जेसीबी से उखाड़ा जा रहा है। इसके बाद वह अन्य पुलिस कर्मी के साथ मौके पर गए, वहां पर जेसीबी लगी थी। कुछ परिवारों में जमीनी विवादों चल रहा है जिसके चलते काम को रुकवाया गया और पूरी जानकारी न मिलने पर काम को रोका गया। साथ ही महिला के आरोपों को पुलिस ने सीरे से ख़ारिज कर दिया है।