हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले के कुम्हारहट्टी में एक बहुमंजिला इमारत गिरने से बड़ा हादसा हुआ। इस हादसे में बिल्डिंग के नीचे सेना के करीब 35 जवान मौजूद थे, जिनमें से 17 को बचा लिया गया है। घटनास्थल पर तत्काल राहत सामग्री पहुंचाने के लिए सुन्नी में मौजूद एनडीआरएफ के तीन जवानों को जरूरी उपकरणों के साथ हेलीकॉप्टर से एयर लिफ्ट कर पहुंचाया गया। इसके बाद हेलीकॉप्टर को आगे भी जरूरी मदद के लिए स्टैंडबाय पर रखा गया। इसके अलावा मानसून सीजन के चलते सुन्नी में तैनात की गई एनडीआएफ की टीम से 29 और जवानों को सड़क मार्ग से घटनास्थल के लिए रवाना किया गया।
सोलन के एडीएम विवेक चंदेल ने बताया कि इस हादसे में अब तक सात मौतें हो चुकी हैं। मृतकों में सेना के 6 जवानों के साथ एक आम नागरिक शामिल है। अभी कई जवान मलबे में फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि इमारत कैसे गिरी यह जांच का विषय है, हम जांच करेंगे। यह बिल्डिंग 2009 में बनाई गई थी। पिछले दिनों एक मंजिल और बढ़ाई गई थी। मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज़ की जा चुकी है। सात घायलों को नजदीकी अस्पताल धर्मपुर लाया गया है जहां उनका इलाज चल रहा है। परवाणू और सोलन से सात एंबुलेंस को मौके के लिए रवाना कर दिया गया।
बताया जा रहा है कि बिल्डिंग में ढाबा चल रहा था, जहां 34 जवान खाना खाने के लिए रुके हुए थे। घायल जवान सुरजीत ने बताया कि वह ढाबा में खाना खा रहे थे तो आचानक धरती हिली ओर एकदम से पूरी इमारत गिर गई। इसके बाद उन्हें कोई पता नहीं चला। उन्होंने बताया कि उनके साथ 30 आर्मी के जूनियर ऑफिसर और चार आर्मी जवान शामिल थे। सभी डगशाई बटालियन के जवान हैं और रविवार का दिन होने के कारण सभी ने लंच बाहर करने का प्लान बनाया था। जानकारी के मुताबिक बिल्डिंग के मालिक साहिल कुमार का परिवार भी यहीं रहता था। गनीमत रही कि हादसे के वक्त बच्चे बाहर खेल रहे थे लेकिन साहिल की पत्नी मलबे में दब गई थी जिसे गंभीर हालत में बाहर निकाला गया।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत और मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने जिला सोलन के कुमारहट्टी के समीप एक निजी होटल भवन के ध्वस्त होने के कारण उसमें उपस्थित सेना के जवानों और अन्य लोगों के दब जाने की घटना पर दुःख व्यक्त किया है। जानकारी के अनुसार इस दुर्घटना में सात लोगों की मृत्यु हुई है, जबकि 22 घायल हुए हैं। राज्यपाल ने अपने शोक संदेश में ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं शोक संतप्त परिवारों को इस अपूर्णीय क्षति से उबरने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की है।
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने डीसी से हादसे को लेकर बात की और राहत के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। ट्वीट कर मुख्यमंत्री ने बताया कि राहत कार्य में सेना, पुलिस के अलावा एनडीआरएफ की टीमें जुटी हैं। मुख्य सचिव बीके अग्रवाल ने स्थिति से निपटने के लिए एनडीआरएफ से संपर्क साधा और एक टीम को पंचकूला से मौके पर पहुंचने के लिए रवाना किया गया।
मुख्यमंत्री ने घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने ईश्वर से दिवंगत आत्माओं की शांति एवं शोक संतप्त परिवारों को इस अपूर्णीय क्षति से उबरने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की तथा घायलों के शीघ्र स्वस्थ लाभ की कामना की। उन्होंने अधिकारियों को घायलों को बेहतर चिकित्सा सुविधा प्रदान करने के निर्देश दिए। इस घटना में दबे लोगों को निकालने के लिए राहत एवं बचाव कार्य जिला प्रशासन तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीम चिकित्सकों और एम्बुलेंस के साथ तुरंत मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरु किया।