केंद्र सरकार ने बेशक 12 साल की बच्चियों से रेप पर मौत की सजा का कानून बना दिया है, लेकिन हवस के दरिंदों को इस कानून का भी कोई डर नहीं। यही कारण है कि कानून बनने के बाद भी नाबालिग युवतियों से रेप और छेड़छाड़ के मामले थम नहीं रहे। गुरुवार को शिमला के एक सरकारी स्कूल में 11 साल की युवती से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है।
यहां युवती ने अपने टीचर पर छेड़छाड़ के आरोप लगाए हैं। परिजनों ने युवती की शिकायत पर स्कूल प्रशासन पर सवाल उठाए और टीचर की जमकर धुनाई भी की। हालांकि, अभी तक मामला पुलिस तक नहीं पहुंचा है। वहीं, स्कूल प्रशासन इस मामले की रफा-दफा करने के चक्कर में पड़ा है और छात्रा पर दबाव बनाया जा रहा है।
ये मामला जेंडर सेंशेशन कमेटी के पास जांच के लिए जाने की बात कही जा रही है। सूचना तो ये भी है कि उक्त टीचर पहले भी इस तरह की हरकतें कर चुका है, लेकिन स्कूल प्रशासन ने उसके ख़िलाफ कोई कदम नहीं उठाया। ग़ौरतलब है कि एक ओर सरकार प्रदेश में महिला सुरक्षा की दावे कर रही है, जबकि सरकारी स्कूलों में नाबालिग छात्राओं से ऐसी हरकतें उनके दावों की पोल खोल रही हैं। शिक्षा मंत्री सरकारी स्कूलों को बढ़ावा देने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन कौन उन सरकारी स्कूलों को रूख करना चाहेगा जहां प्रदेश की बेटियां सुरक्षित तक नहीं…।