नाबालिग को बहला-फुसला कर अगवा करने और फिर उसके बाद दुष्कर्म करने के आरोपी को दोष सिद्ध होने पर सात साल की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा दोषी को 25 हजार रुपये भी जुर्माने के तौर पर भरना होगा। दोषी को धारा 363 आईपीसी के उल्लंघन के लिए 3 साल साधारण कैद और 10 हजार रुपये जुर्माना, जबकि धारा-4 पोक्सो के उल्लंघन पर 7 साल की सजा सुनाई है। वहीं, जुर्माना अदा न करने की ऐवज में उसे एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास झेलना होगा। यह फैसला माननीय विशेष न्यायाधीश राजेश तोमर की अदालत ने शुक्रवार को सुनाया। मामले की पैरवी जिला न्यायावादी राजेश वर्मा और बाद में केेस स्थानांतरित होने पर इसकी पैरवी उप जिला न्यायावादी कपिल शर्मा ने की।
मामले के संदर्भ में जिला न्यायावादी राजेश वर्मा ने बताया कि जिला हमीरपुर से संबंधित 26 साल युवक के खिलाफ देहरा विधानसभा क्षेत्र की एक 16 वर्षीय नाबालिग लड़की को 27 नवंबर, 2015 को बहला-फुसला कर अपने घर ले गया। इस दौरान उसने उसके साथ अवैध संबंध बनाए। इसके बाद दोषी युवक उसे बस में शिमला ले गया। वहीं शिमला पहुंचने पर उसे सूचना मिली कि उसके खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज हो चुका है।
इसके बाद वह वापस उसे बस में चिंतपूर्णी लाया और ज्वालामुखी थाने में पहुंचा। इसके बाद पीड़ित नाबालिग ने पुलिस को सारी वारदात के बारे में बताया और पुलिस ने मौके पर पहुंच कर सारे साक्ष्य एकत्रित किए। वहीं अभियोजन पक्ष की ओर से न्यायालय में 16 गवाह पेश किए गए। इन गवाओं और पुलिस के पुस्तुत साक्षयों से आरोपी पर दोष सिद्घ हुए और उसे न्यायालय ने 7 साल की कैद की सजा सुनाई।