राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बगवाड़ा हमीरपुर में एक अजीबो गरीब मामला सामना आया है। यहा एक पूर्व मिड-डे मील वर्कर के खाते में शिक्षा विभाग की ओर से पिछले 5 साल से जमा करवाई गई रकम को महिला के बेटे ने मोबाइल पर गेम खेलकर उड़ा दिया है। विभाग ने महिला उक्त राशि लौटाने के लिए कहा था जिसके बाद महिला ने बैंक में जाकर पैसे निकालने चाहे तो पता चला कि उसके युवक ने ये सारा पैसा गेम में खर्च कर दिया है और बैंक अकाउंट में मात्र 6 रुपये ही बचे हैं।
ऐसे में महिला ने ही शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर उनके बेटे को पबजी समेत अन्य गेम्त खेलने की लत लगाने का आरोप लगा डाला। उन्होंने कहा कि उन्होंने बैंक में जाकर खाता चेक किया तो इसमें महज 6 रुपये 80 पैसे बैलेंस था। अब अगर उनके परिवार को तंग किया गया तो विभाग के खिलाफ कोर्ट में केस करेंगी।
क्या बोली महिला…
महिला ने कहा कि उनका पति दिहाड़ी- मजदूरी करता है। महिला खुद मनरेगा में काम करती है। बेटा कॉलेज में पढ़ता है। पति बीमार रहते हैं। बैंक खाते में पैसे हैं नहीं तो लौटाउंगी कहां से? मोबाइल पर गेम्स आदि खेलने और खुला खर्च आदी करने से बेटा बुरी संगत मे पड़ चुका है। महिला 2016-17 में मिड-डे मील वर्कर की नौकरी छोड़ चुकी हैं। विभाग नौकरी छोड़ने के बाद भी पांच साल तक 2500 रुपये के हिसाब से प्रतिमाह वेतन खाते में जमा करवाता रहा। बैंक में बेटे का मोबाइल नंबर दर्ज था और हर माह खाते में पैसे आने के मोबाइल पर मैसेज मिलते रहे। इसे बेटे ने मोबाइल गेम्स पर खर्च कर डाला है।
वहीं, विभाग ने स्कूल प्रिंसिपल और खंड प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी (बीईईओ) भोरंज को नोटिस जारी किया है। उपनिदेशक ने दोनों अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए मामले को शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही कहा कि क्यों न मिड-डे मील वर्कर के खाते में गए डेढ़ लाख की रिकवरी इन दोनों शिक्षा अधिकारियों से की जाए।
प्रारंभिक शिक्षा विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक ने कहा कि वीरवार को संबंधित मिड-डे मील वर्कर से बात कर पैसे लौटाने की बात की तो उसने बताया कि उसका पति मजदूरी करता है। बैंक में जमा होने वाले पैसे गूगल-पे के जरिये बेटे ने मोबाइल पर वीडियो गेम में उड़ा दिए हैं। महिला ने विभाग के खिलाफ कोर्ट केस करने की बात भी कही है।