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नहीं कर पाए दुष्कर्म तो लड़की को जलाया जिंदा, अस्पताल में भर्ती

समाचार फर्स्ट डेस्क |

उत्तर प्रदेश के सीतापुर में एक युवती के साथ दुष्कर्म न कर पाने पर जिंदा जला देने का मामला सामने आया है। युवती फिलहाल जिंदगी और मौत से जूझ रही है। सीतापुर के तंबौर थाना क्षेत्र में कुछ दबंग जब एक युवती के विरोध करने पर अपनी हवस न मिटा सके तो उन्होंने युवती को जिंदा जला देने की कोशिश की।

इस घटना से पहले दबंगों की ज्यादती की शिकायत युवती के परिजनों ने पुलिस से की थी लेकिन पुलिस ने इस पर गौर नहीं किया। अब 45 फीसदी जल चुकी यह युवती जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है। घटना की खबर पर सख्त रुख अपनाते हुए डीजीपी ने मौके का जायजा लेने के लिए आईजी को सीतापुर भेजा। इसके बाद तंबौर थाना प्रभारी सहित 3 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। डीजीपी ने इस मामले में एसपी सीतापुर से भी सफाई मांगी है।

दोनों आरोपियों पर एनएसए के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। डीजीपी के निर्देश पर आईजी रेंज लखनऊ सुजीत पांडेय ने रविवार को सीतापुर पहुंचकर घटना के प्रत्येक बिंदु पर जांच-पड़ताल की। साथ ही आईजी ने जांच रिपोर्ट डीजीपी को सौंपने की बात कही है।

गौरतलब है कि तंबौर के एक गांव की युवती शनिवार की दोपहर करीब 12 बजे खेतों में शौच के लिए बाहर गई थी। जहां गांव के ही 2 लोग रामू और राजेश ने उसे दबोच कर उस पर केरोसिन डाल कर आग लगाकर भाग गए। लपटों से घिरी युवती को देख ग्रामीणों ने किसी तरह आग बुझाई। गंभीर रूप से झुलसी युवती का जिला अस्पताल में इलाज किया जा रहा है।

पीड़िता के बयान में सामने आया कि 29 नवंबर को जब वह शौच के लिए गई थी तो रामू ने उसके साथ दुष्कर्म का प्रयास किया था। शोर मचाने पर ग्रामीणों को आता देख वह भाग गया। युवती ने इस घटना की जानकारी तंबौर थाने में दी मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस पर 30 नवंबर को वह सीओ बिसवां से मिलने गई। फिर भी पुलिस बेपरवाह बनी रही। नतीजतन बेखौफ आरोपियों ने 1 दिसंबर की दोपहर खेत में युवती पर केरोसिन उड़ेलकर उसे जिंदा जला दिया। गनीमत यह रही कि ग्रामीणों ने समय रहते आग बुझाकर उसे अस्पताल पहुंचा दिया।

आईजी रेंज लखनऊ सुजीत पांडेय ने कहा है कि तंबौर एसओ, हल्का इंचार्ज औऱ मुंशी को लापरवाही बरतने का दोषी पाए जाने पर निलंबित किया गया है। जांच की जा रही है। जो भी दोषी पाए जाएगा उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। आरोपियों पर एनएसए की कार्रवाई की जाएगी। बेहतर इलाज के साथ ही पीड़िता की ज्यादा से ज्यादा मदद होगी। मामले की जांच रिपोर्ट डीजीपी को दी जाएगी।