तीन साल पहले पार्वती घाटी से लापता पौलैंड निवासी ब्रूनों मशालिक मामले में स्टेट सीआईडी की एसआईटी को कामयाबी मिली है। स्टेट सीआईडी की इस एसआईटी ने इस घटना के तीन साल बाद दो युवकों को शक के आधार पर गिरफ्तार किया है। जिसके चलते अब इस मामले से पर्दा उठने की उम्मीद जाग गई है।
हालांकि गुमशुद्धगी के शुरूआती में पुलिस मामले की छानबीन करती रही लेकिन पुलिस पूरी तरह से मामले में खाली हाथ रही। जिसके चलते प्रदेश हाईकोर्ट ने भी पुलिस को फटकार लगाई थी और उसके बाद मामला प्रदेश सीआईडी को सौंपा गया और मामले की छानबीन के लिए सीआईडी की एसआईटी गठित की गई।
एसपी कुल्लू शालिनी अग्नहोत्री ने बताया कि स्टेट सीआईडी और कुल्लू सीआईडी युनिट ने ब्रूनों गुमशुद्धगी मामले में दो व्यक्तियों को शक के आधार पर गिरफ्तार किया है जिसमें एक कुल्लू के मलाणा का रहने वाला है और दूसरा दिल्ली निवासी है। फिलहाल मामले की तहकीकात स्टेट सीआईडी जांच कर रही है।
गौरतलब है कि 8 अगस्त, 2015 को पौलैंड निवासी 24 वर्षीय ब्रूनों मशालिक पार्वती वैली से लापता हो गया था। जो आखिरी बार मनाली में 8 अगस्त को देखा गया था। 9 अगस्त को ब्रूनों की पार्वती वैली जाने की योजना थी लेकिन उसके बाद ब्रूनों को नहीं देखा गया और उसका कोई पता नहीं चला।
प्रदेश सीआईटी की टीम ने इस मामले में कुल्लू के मलाणा निवासी 22 वर्षीय खेम राम पुत्र अमर चंद और दिल्ली के नार्थ वैस्ट शास्त्रीनगर ए-73 ब्लॉक-ए के 26 वर्षीय सुमिंद्रर सिंह सलुजा को गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि दोनों की ब्रूनों मशालिक से फेसबुक मैसेंजर के माध्यम से बात हुई थी। लिहाजा, अब सीआईडी की टीम इस मामले की छानबीन करने में जुट गई है ।