युवा पीढ़ी की निरन्तर बढ़ती ख्वाहिशों के कारण शादी-विवाह के लिये अच्छे रिश्ते ढॅूढना जैसे-जैसे मुश्किल होता जा रहा है तो समाज की इस कमजोर कड़ी का फायदा लेते हुए देश में फैली मैटरीमोनियल एजैंसियां अपनी अनैतिक गतिविधियां जारी रखते हुए फरेब व धोखा-धड़ी से आम जनता को खूब लूट रही है। समाचार-पत्रों के मैटरीमोनियल कालम से लोगों के फोन नम्बर उठाकर और एक अच्छी पढ़ी लिखी एक सुन्दर सी लड़की या लड़के का नकली ऑफर देकर यह एजैंसियां पहले अपने ग्राहक को अपने जाल में फंसाती हैं। फिर उनसे कहती हैं कि वे दोनों पक्षों की मुलाकात एक कॉन्फ्रेंस काल के माध्यम से करवाएंगी जिसमें दोनों पक्ष एक दूसरे से अपना पता या फोन नंबर साझा नहीं कर सकते हैं।
रिश्तों की नकली डिटेल या फोटो ऐसे प्रस्तुत किये जाते हैं कि दूसरा पक्ष जल्दी से सहमत हो जाये। सहमती होने पर ये एजैंसियां अपने ग्राहक को 5000 से 7000 तक की रैजिस्ट्रेशन फीस जमा करवाने को कहती है। अच्छा रिश्ता देखते हुए ग्राहक तुरन्त पैसा दे देता है। फिर ये एजैंसियां अपने ग्राहक को दूसरे पक्ष का ऐसा फोन नम्बर देती हैं जो शायद उनका अपना ही होता है। इस नम्बर से ये एजैंसियां अपने ग्राहक की दूसरे पक्ष के अपने ही द्वारा प्रस्तुत किये गए नकली मां-बाप से बात करवाकर कुछ समय के लिये उसे बेवकूफ बनाती हैं। जैसे ही ग्राहक को शक होने लगता है तो दूसरे पक्ष का नम्बर या तो बंद हो जाता है या नो-रिप्लाई हो जाता है। फिर ये एजैंसियां अपने ग्राहक को यह कहकर सांत्वना देती हैं कि वे शादी होने तक और रिश्ते भेजती रहेंगी। इस तरह से ग्राहक को धोखधड़ी से ठग लिया जाता है।
ऐसा ही एक मामला बीबीएमबी में सामने आया है। दरअसल गत दिनों बीबीएमबी के जन-सम्पर्क अधिकारी ने जब अपने पुत्र के विवाह हेतु एक प्रमुख समाचार पत्र में विज्ञापन दिया तो जबलपुर की वैवाहिक मैटरीमोनी.कॉम कम्पनी ने वहां से उनके फोन नम्बर उठाकर उन्हे उनके पुत्र हेतु प्रियंका (नकली नाम) नाम की एक सुन्दर व पढ़ी लिखी कन्या का ऑफर भेजा। उक्त अधिकारी के परिवार की सहमति के बाद इस कम्पनी की मध्यस्थ कुमारी शुभी ने उन्हे लड़की के नकली मां-बाप से बात करवाई। फिर मीटिंग के लिये फोन नम्बर इत्यादि की जानकारी सांझा करने हेतु 6500/- रूपये ICICI बैंक की जबलपुर शाखा में जमा करवाने की हिदायत दी।
पैसा जमा करवाने के दो-तीन दिन बाद जब वह फोन नम्बर नो-रिप्लाई में चला गया तो उक्त अधिकारी ने वैवाहिक मैटरीमोनी.कॉम की मध्यस्थ कुमारी शुभी व मैनेजर खुशी से कन्या पक्ष के माता-पिता द्वारा कम्पनी को दी गई रैजिस्ट्रेशन फीस का स्क्रीनशॉट मांगा। इसके साथ-साथ उन्होंने कुमारी शुभी से कन्या के माता-पिता के अतिरिक्त फोन नंबर और हमीरपुर स्थित उनके आवास का पता जुटाने हेतु भी आग्रह किया तो वह टालमटोल पर उतर आई। ऐसी स्थिती में जब उक्त अधिकारी ने कम्पनी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाने की बात कही तो मैनेजर खुशी 6500/- रूपये की राशि लौटाने को तैयार हो गई।
इस कड़वे अनुभव से उक्त अधिकारी ने पुलिस में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज करवाते हुए अपनी शिकायत में सरकार से भी आग्रह किया है कि वह इन कम्पनियों की गाढ़ी कमाई पर नज़र रखे, इनके लिये आवश्यक उचित गाइडलाइन जारी करे और राईट टु प्राईवेसी एक्ट की उलंघना करने या धोखधड़ी के केस में इन पर सख्त से सख्त कार्यवाही करे ताकि वे अभिभवकों द्वारा उनके बच्चों की प्रोफाइल या फोटोग्राफ इत्यादि का गलत इस्तेमाल न कर पायें।
मामले की पुष्टि करते हुए डिप्टी एसपी सुंदरनगर गुरबचन सिंह ने बताया कि पीड़ित पक्ष की तरफ से एक शिकायत प्राप्त हुई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जल्दी मामले की जांच शुरू कर के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।