सरकाघाट उपमंडल में झाड़ फूंक के चक्कर में 13 वर्षीय बालक को अपनी जिंदगी से हाथ धोने पड़ गए। बच्चे को सांप ने काट लिया था और सांप के काटने के बाद परिवार के लोग अंधविश्वास की डोर में बंधे रहे और रात भर झाड़ फूंक करवाते रहे। सुबह तक जब बच्चे की हालत और ज्यादा खराब हो गई तो कहीं जाकर उसे अस्पताल ले गए लेकिन तब तक देर हो चुकी थी और बच्चे को मौत के आगोश में समाना पड़ा। यह घटना घटी है सरकाघाट उपमंडल के तहत आने वाले बैंहजी गांव की।
जानकारी के अनुसार 13 वर्षीय सूर्यांश पुत्र संजय कुमार रात को अपने बिस्तर पर सो रहा था। रात करीब डेढ़ बजे उसे अपने बिस्तर पर किसी कीड़े के रेंगने का पता चला। जब परिवार वालों ने बिजली जलाई तो उन्हें सूर्यांश के बिस्तर पर एक सांप रेंगता हुआ दिखाई दिया। यह सांप सूर्यांश को डंस चुका था और उसकी टांग से खून निकल रहा था। बच्चे को तुरंत अस्पताल ले जाने के बजाय घर वालों ने पास के गांव के एक व्यक्ति को बुलाकर उससे झाड़ फूंक करवाने का कार्य शुरू करवा दिया। सुबह तक यह सारा परिवार बच्चे के ठीक होने का इंतजार करता रहा।
रात भर झाड़ फूंक का सिलसिला जारी रहा। लेकिन जब बच्चा ठीक नहीं हुआ तो फिर सुबह उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भोरंज ले जाया गया। यहां मौजूद डॉक्टर ने बच्चे की गम्भीर स्थिति को देखते हुए उसे मेडिकल कालेज हमीरपुर के लिए रेफर कर दिया जहां उसकी मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन ने घटना के बारे स्थानीय पुलिस को सूचित किया और हमीरपुर पुलिस ने सरकाघाट पुलिस को घटना की सूचना दी। सरकाघाट पुलिस ने हमीरपुर पहुंचकर सूर्यांश का पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजनों के हवाले कर दिया है। डीएसपी सरकाघाट चन्द्रपाल सिंह ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।