पंजाब के अमृतसर में दशहरा के मौके मातम पसर गया है। शहर में रावण दहन के मौके पर ट्रेन की चपेट में आने से 50 से अधिक लोगों के मारे जाने की खबर है। ट्रेन जालंधर से अमृतसर के लिए आ रही थी। हादसा हादसा अमृतसर और मनावला के बीच फाटक नंबर 27 के पास हुआ है। हादसा उस वक्त हुआ जब लोगों की भीड़ रावण-दहन देखने के लिए जुटी हुई थी।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक जब ट्रेन भीड़ वाले जगह से गुजरी तब रावण दहन के दौरान पटाखों का शोर बढ़ गया और ट्रेन का हॉर्न लोगों को सुनाई नहीं दिया। हादसे में 50 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घायल लोगों की हालत नाजुक बताई जा रही है। घटना के बाद पंजाब सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों के लिए पांच-पांच लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया गया है।
अमृतसर प्रशासन ने फिलहाल मृतकों के आंकड़ों की पुष्टि नहीं की है। लेकिन, उनकी तरफ से कहा गया है कि मरने वालों की संख्या 50 से 60 के बीच में हो सकती है। फिलहाल 50 शवों को बरामद कर लिया गया है। वहीं, मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरिंदर सिंह ने घटना पर दुख जाहिर किया है और मृतकों के परिजनों को 5 लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया है। घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दुख व्यक्त किया है।
हालांकि, हादसे को लेकर जहां पीड़ित परिजन त्रासदी झेल रहे हैं, वहीं राजनीतिक उंगलियां भी उठनी शुरू हो चुकी हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि दशहरा के मौके पर नवजोत सिंह सुद्धू समेत तमाम नेता मौजूद थे। लेकिन, हादसा होते ही सभी मौके से गायब हो गए। वहीं, लोगों का आरोप है कि रेलवे और स्थानीय प्रशासन इस दुर्घटना के लिए जिम्मेदार है। स्थानीय लोगों का कहना है कि दशहरा उत्सव हर बार यहीं मनाया जाता है और रेलवे को भी इस संदर्भ में सूचित किया गया था।