पुलिस की कार्यप्रणाली के चलते लोगों को इंसाफ तो नहीं मिल रहा है लेकिन उन्हें निराश होकर झुकना जरूर पड़ रहा है। इसी कड़ी में जंजहैली से एक मामला सामने आया है जहां पुलिस की कार्यशैली सही नहीं होने से एक पीड़ित परिवार को अपनी बच्ची की आबरू का सौदा करना पड़ा।
दरअसल, यह मामला जंजहैली क्षेत्र की एक पंचायत का है जहां पुलिस से आस लगाए बैठे परिजनों को जब पुलिस की तरफ से कोई मदद नहीं मिली तो उन्हें मजबूरी में कुछ पंचायत प्रतिनिधियों और लोगों के दबाव में समझौता करना पड़ा। उनको अपनी लाडली से हुए रेप के बदले 22 हजार रुपए मिले।
वहीं, पुलिस ने कहा कि शनिवार को एक महिला-व्यक्ति थाने आए थे, लेकिन उनके साथ कोई लड़की नहीं थी, जिसके चलते उन्होंने मामला दर्ज नहीं किया।
सवाल यह है कि एक नाबालिग से जुड़े इस मुद्दे को पुलिस ने गंभीरता से क्यों नहीं लिया? क्या पुलिस का फर्ज नहीं था कि इस मामले की जांच की जाए। लेकिन, उन्होंने ऐसा करने की बजाए पीड़ित लड़की के परिजनों को उनके हाल पर छोड़ दिया।
ये है मामला:-
पीड़िता के माता-पिता का कहना है कि कुछ दिन पहले उनकी बेटी के साथ शलगी गांव के 30 वर्षीय युवक ने खेत में बलात्कार किया था। इस घटना के बारे में उसकी बेटी ने उन्हें बताया था। जिसके चसते उन्होंने इस घटना की शिकायत जंजैहली थाने में की लेकिन वहां किसी ने उनकी नहीं सुनी और उनको वहां से भेज दिया गया।
पीड़ित के साथ हुई घटना के बारे में थाना प्रभारी जंजैहली मोहन सिंह ने भी दो लोगों के थाने में आने की बात की है। उन्होंने कहा कि वह लोग समझौता करवाए जाने की बात कर रहे थे तो हमने उन्हें कहा कि पुलिस समझौता नहीं करवाती है। उन्होंने कहा कि अगर दोबारा वे हमारे पास आते हैं तो हम मामला दर्ज कर लेंगे।