राजधानी के खंड मशोबरा के अंतर्गत बल्देयां से बीते साल लापता मेदराम के शव का कंकाल तारापुर के जंगल से मिलने की खबर मिली है। CID और पुलिस को किसी ने सूचित किया कि तारापुर के जंगल में किसी का नर कंकाल पड़ा है। ढली पुलिस ने जब मौके से एक आईडी कार्ड और एक मोबाइल बरामद किया है। प्रारंभिक जांच में यह नर कंकाल बल्देयां से लापता मेदराम का लग रहा है। पुलिस ने अवेशष इकट्ठा कर जांच के लिए भेज दिए हैं।
गौरतलब है कि शिमला बल्देयां पंचायत के मोहनपुर निवासी मेद राम (61) रहस्यमय परिस्थितियों में एक अप्रैल 2016 से लापता है। मेदराम एक गरीब दलित परिवार से संबंध रखते थे। पिछले कुछ वर्षों से प्रॉपर्टी डीलर का काम करते थे। शिमला पुलिस के सुस्त रवैये की वजह से जब मेदराम का कुछ अता-पता नहीं चल पाया। परिजनों ने काफी समय तक मेदराम की तलाश में भटकते रहे, ऐसे में किसान सभा ने इसको लेकर आवाज़ बुलंद की।
आरोप: बेटे को ही पिता की तलाश करने जंगलों में भेजती थी पुलिस
हिमाचल किसान सभा के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. कुलदीप सिंह तंवर ने कहा की किसान सभा 20 मई 2016 से ही इस मामले को लगातार उठाती रही। लेकिन, पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली के चलते लापता मेदराम के मामले को और अधिक उलझा दिया था। मामले में उल्टा मेदराम के बेटे को डरा धमका कर पुलिस जंगलों में अपने पिता को खोजने भेजती रही।
डॉ. तंवर ने बताया कि 24 अप्रैल 2017 को किसान सभा ने पुलिस महानिदेशक और प्रधान सचिव गृह से मिलकर इस केस की जांच CID को सौंपने की मांग की थी। इसके बाद 23 जून को यह केस CID को सौंपने के निर्देश दिए गए। अब मामले की जांच सीआईडी कर रही है, लेकिन मामले में कोई सुराग नहीं मिल पाया है और अभी तक CID के हाथ खाली हैं।