प्रदेश स्वास्थ्य विभाग ने अवैध रूप से चल रहे अस्पतालों पर अपना कड़ा रुख अपनाया है, जिसके तहत शुक्रवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विधानसभा क्षेत्र ज्वाली के अंतर्गत चल रहे निजी अस्पतालों में औचक निरीक्षण किया तो निजी अस्पतालों में हड़कंप मच गया। ज्वाली में बिना डॉक्टर के चल रहा निजी अस्पताल स्वास्थ्य विभाग ने सील कर दिया है। जबकि एक अन्य निजी अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर को भी बंद किया है।
स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई से जिलाभर के निजी अस्पताल प्रबंधकों में हड़कंप मच गया है। तीन दिन में स्वास्थ्य विभाग ने यह तीसरी बड़ी कार्रवाई की है। इससे पहले राजा का तालाब में एक अस्पताल और रेहन में अल्ट्रासाउंड मशीन सील की गई थी। जो अस्पताल सील किया गया है उसमें एक भी डॉक्टर सेवाएं नहीं दे रहा था। अस्पताल प्रबंधन पठानकोट से निजी अस्पतालों से किराये पर डॉक्टर बुलाकर गोरखधंधा चला रहा था।
इसके अलावा अस्पताल 2016 से बिना पंजीकरण के ही चल रहा था। दो साल से पंजीकरण रिन्यू न करवाने पर स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं।
वहीं, दूसरे अस्पताल में दबिश के दौरान विभागीय टीम को ओटी में गर्भपात करने के कुछ उपकरण मिले, जबकि इस अस्पताल के पास गर्भपात करवाने की कोई अनुमति नहीं है।
उधर, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरएस राणा ने बताया कि नियमों का पालन न करने वाले निजी स्वास्थ्य संस्थानों को लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। आगे भी नियमों का अनदेखा करने वालों पर ऐसी कार्रवाई की जाएगी। इन दोनों अस्पतालों के अलावा नगरोटा सूरियां के एक निजी अस्पताल का भी निरीक्षण किया गया।