मध्य प्रदेश के रतलाम में आरएसएस कार्यकर्ता हिम्मत पाटीदार की हत्या का मामला पूरी तरह से उलट गया इस मामले में सनसनीखेज खुलासा हुआ है पुलिस के मुताबिक पाटीदार ने खुद ही अपने कत्ल की साजिश रची थी उसने अपने गांव के एक शख्स का कत्ल किया और खुद लापता हो गया लाश की पहचान छुपाने के लिए उसने लाश का चेहरा भी जला दिया था।
ये सारा मामला लाश की डीएनए जांच के बाद खुलकर सामने आया मृतक हिम्मत पाटीदार नहीं बल्कि उसी के गांव का मदन मालवीय था ये वही शख्स था, जिसे पुलिस हिम्मत का कातिल मानकर उसकी तलाश कर रही थी पुलिस को मदन पर शक इसलिए था, क्योंकि पाटीदार के मर्डर की सूचना के बाद से ही वो लापता था लेकिन डीएनए टेस्ट से खुलासा हुआ कि मरने वाला मदन मालवीय ही था।
रतलाम के एसपी गौरव तिवारी ने बताया कि जांच में पता चला कि पाटीदार ने दिसंबर 2018 में ही 20 लाख रुपये का बीमा करवाया था और उस पर करीब 10 लाख रुपये का कर्ज भी था इसलिए उसने ये सारा षड्यंत्र रचा और अपनी कदकाठी के ही मदन नाम के शख़्स की हत्या कर उसकी पहचान छिपाने की कोशिश की।
बीते सप्ताह बुधवार के दिन अपने खेत में हिम्मत के पिता लक्ष्मीनारायण पाटीदार ने एक लाश देखी थी उस लाश का चेहरा झुलसा हुआ था और पास में ही हिम्मत पाटीदार की मोटरबाइक खड़ी थी पुलिस बुलाने के बाद शव की शिनाख्त की गई पाटीदार के पिता लक्ष्मीनारायण और चचेरे भाई सुरेश उसकी पहचान की हिम्मत पाटीदार की हत्या की ख़बर पर हिंदू संगठनों ने हंगामा शुरू कर दिया।
इस दौरान मामले की छानबीन में जुटी पुलिस को पता चला कि गांव का युवक मदन मालवीय भी गायब है इसके बाद पुलिस ने मदन को कातिल मानकर उसकी तलाश शुरू कर दी थी लेकिन डीएनए टेस्ट ने इस हत्याकांड की पूरी कहानी को ही बदल कर रख दिया।