शिमला जिला के उपमंडल ठियोग में 90 दिनों बाद एक व्यक्ति का शव क्षत-विक्षत हालत में मिला है। मृतक भगत राम के दोनों हाथ कटे हुए थे। परिजन भगत राम की हत्या का आरोप लगाया है। साथ ही उन्होंने पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए हैं।
जानकारी के अनुसार पेशे से किसान भगत राम 21 नवंबर को अपने घर से गाड़ी की किस्त जमा कराने गया था लेकिन उसके बाद वह घर पर वापस नहीं लौटा। दो दिन बाद भी जब भगत राम घर नहीं लौटा तो परिजनों ने इसकी सूचना ठियोग पुलिस को दी। 3 महीने तक पुलिस द्वारा जांच के बाद भी जब कोई परिणाम सामने नहीं आया तो 15 दिन पहले फरवरी में परिवार डीजीपी संजय कुंडू से मिला और मामले की जांच सीआईडी से करवाने को कहा। इस पर संजय कुंडू ने एक कमेटी गठित की जिसमें सीआईडी ने 28 तारीख को शव को ढूंढ निकाला। शव लफूघाटी में एक झाड़ी में पड़ा हुआ था।
मृतक भगतराम के दोनों हाथ कटे हुए थे। मंगलवार को आईजीएमसी में पोस्टमार्टम करवाने आए परिजनों ने कहा कि भगत राम की हत्या की गई है। मृतक की बेटी निशा ने बताया कि उनके पिता की हत्या की गई है क्योंकि पहले भी लड़ाई हो चुकी थी और उन्हें मारने की धमकी दी गई थी। बेटी निशा ने बताया कि उसके पिता नंबर में एक जगह गए थे तब उनके साथ ही चार पांच लोग थे। लेकिन जैसे हालत में कल उन्हें शव मिला इससे प्रतीत होता है कि उनके पिता की हत्या की गई है।
वहीं, मृतक की बेटी निशा ने पुलिस पर भी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। पुलिस उन्हें तीन महीने तक गुमराह करती रही। निशा ने कहा कि उनके पिता के हत्यारों को फांसी की सजा होनी चाहिए।