नाहन जिला एवं सत्र न्यायाधीश सिरमौर देविंदर कुमार शर्मा की अदालत ने दसवीं कक्षा की एक छात्रा से दुष्कर्म मामले में शिक्षक को 10 साल के कारावास की सजा सुनाई है। वहीं दोषी को 50 हजार रुपये का जुर्माना भी अदा करना होगा। जुर्माना न देने की सूरत में दोषी को अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। जिला न्यायवादी एमके शर्मा ने मामले कि जानकारी देते हुए बताया कि जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने वर्ष 2015 में टीजीटी जगतार सिंह पुत्र गुरबक्श सिंह निवासी अंबेहरदराज तहसील बंगाणा जिला ऊना रेणुका क्षेत्र के खूड स्कूल में तैनात था, जिसने अपने ही स्कूल की छात्रा से जबरन दुष्कर्म को अंजाम दिया।
उन्होंने बताया कि दोषी शिक्षक ने सितंबर 2015 में दसवीं कक्षा में पढऩे वाली छात्रा को अपने कमरे में सामान छोडने भेजा। जब छात्रा कमरे पहुंची तो दोषी पहले से ही वहां पर मौजूद था। इस दौरान दोषी ने छात्रा के साथ जबरदस्ती की और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। दो माह बाद पीड़िता की तबीयत बिगड गई। उसे उपचार के लिए नाहन अस्पताल लाया गया। करीब 6-7 महीने के बाद पीड़िता को फिर से पेट दर्द हुआ। पीड़िता ने यह बात अपनी माता को बताई। पीड़िता का प्रैगनेसी टेस्ट किया तो पोजिटिव पाया गया। इसके बाद रेणुका पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया।
पुलिस ने मामले में दोषी को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया। मामले में 13 गवाह पेश किए गए। मामले की छानबीन तत्कालीन एसएचओ देवानंद गुलेरिया ने की। 9 मई 2016 को पीडि़ता ने बच्चे को नाहन अस्पताल में जन्म दिया। बच्चे के जन्म के बाद डीएनए टेस्ट के लिए बच्चे व दोषी का सैंपल लिए गए। डीएनए रिपोर्ट दोषी जगातर सिंह के साथ मैच हुई और इस बारे चालान कोर्ट में पेश किया गया। तमाम साक्ष्यों एवं गवाहों के तहत मंगलवार को अदालत ने यह सजा सुनाई गई।