दिल्ली के NGO ने ऊना में मानव तस्करी कर लाए गए 12 बंधुआ मजदूरों को छुड़ाने में कामयाबी हासिल की है। NCCEBL संस्था ने जिला प्रशासन और पुलिस के सहयोग से ऊना के 2 होटलों और एक पोल्ट्री फॉर्म से इन मजदूरों को आजाद करवाया है। यह सभी मजदूर दिल्ली के एक ठेकेदार ने ऊना के विभिन्न स्थानों पर काम पर लगाए गए थे।
इन मजदूरों को आज दिन तक ना ही वेतन मिला और न ही सुविधाएं। ऊना में ईंट-भट्टों पर ऐसे मामले सामने आते रहे हैं, लेकिन होटलों और पोल्ट्री फॉर्मों में इस तरह के मामले पहली बार सामने आए है।
दिल्ली के NGO नेशनल कैम्पेन कमेटी फॉर इरेडिकेशन ऑफ़ बांडेड लेबर ने पुलिन के साथ मिलकर इन्हें छुड़वाने में सफलता हासिल की है। NGO के संचालक निर्मल गुराना ने बताया कि उनकी संस्था के पास शिकायत आई थी।
छुड़ाए गए सभी बंधुआ मजदूर असम और अन्य उत्तर पूर्व राज्यों से हैं। आरोपी ठेकेदार बहला फुसलाकर उन्हें ऊना ले आया और अच्छे वेतन का झांसा देकर नामचीन होटलों और पोल्ट्री फॉर्म में काम पर झोक दिया। आरोप है कि महीनों काम के बाद भी उन्हें वेतन तो दूर, उल्टा मालिकों के गुस्से का शिकार होना पड़ा और इन्हें मारा पीटा भी जाता था।