Himachal Guest Teacher Policy: हिमाचल प्रदेश कैबिनेट ने सरकारी स्कूलों में पीरियड के आधार पर गेस्ट-टीचर नियुक्त करने का फैसला लिया है, जिसे लेकर राज्य के शिक्षित बेरोजगारों में नाराजगी है। प्रशिक्षित बेरोजगार संघ ने वर्चुअल मीटिंग के बाद 19 दिसंबर को धर्मशाला के तपोवन में विधानसभा का घेराव करने का निर्णय लिया।
प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बालकृष्ण ने सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना करते हुए इसे युवाओं के साथ धोखा करार दिया। उन्होंने इसे केंद्र सरकार की “अग्निवीर” योजना की तर्ज पर हिमाचल में “शिक्षक वीर” भर्ती योजना बताया। बालकृष्ण ने कहा कि कांग्रेस सरकार नियमित भर्तियां करने के बजाय अस्थाई नियुक्तियों के माध्यम से बेरोजगारों का शोषण कर रही है।
गेस्ट-टीचर के मानदेय की संरचना:
कैबिनेट के अनुसार, प्राइमरी स्कूलों में गेस्ट-टीचर को ₹200 प्रति पीरियड, अपर-प्राइमरी में ₹250, सीनियर सेकेंडरी में ₹400, और कॉलेज स्तर पर ₹500 प्रति पीरियड का भुगतान किया जाएगा। यह दावा किया गया है कि नियमित टीचर की नियुक्ति के बाद इन अस्थाई शिक्षकों को हटा दिया जाएगा।
युवाओं का आक्रोश:
बालकृष्ण ने कहा कि हिमाचल के 8 लाख से अधिक युवा सरकारी नौकरियों की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस सरकार ने आउटसोर्स और अस्थाई भर्तियों का सहारा लिया है। कोर्ट द्वारा कमीशन के माध्यम से नियमित भर्ती के आदेशों की अनदेखी करते हुए यह नीति अपनाई गई है।
सरकार के वादों की पोल:
प्रशिक्षित बेरोजगार संघ के अनुसार, कांग्रेस सरकार हर साल 1 लाख नौकरियां देने का वादा करके सत्ता में आई थी, लेकिन बीते दो वर्षों में केवल 4,500 पक्की नौकरियां दी गई हैं। इनमें से 1,560 पद कमीशन के माध्यम से भरे गए हैं, जबकि अधिकांश पद पूर्व सरकार के समय की प्रक्रिया में थे।
गेस्ट-टीचर पॉलिसी पर सवाल:
संघ का कहना है कि ऐसी अस्थाई भर्तियां योग्य और प्रशिक्षित बेरोजगारों के साथ अन्याय हैं। नई पॉलिसी को बेरोजगारों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए विरोध प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी गई है।



