शिमला के बचत भवन में सेब सीजन को लेकर बैठक आयोजित की गई। सेब सीजन जुलाई माह से शुरू हो रहा है। सेब सीजन को लेकर डीसी ने शिमला संबंधित विभागों एवम ट्रक ऑपरेटर व बागवानों के साथ बैठक की। इस बार शिमला जिला में 1लाख 96 हज़ार मीट्रिक टन ( एक करोड़ पेटी) सेब की फसल पैदा होने की संभावना है। इस बार स्थानीय ट्रक ऑपरेटर ही सेब की कम फसल के लिए काफ़ी है। जो कि पिछली बार से बहुत कम है। हर साल मंडियों तक सेब पहुंचाने के लिए लगभग 53 हज़ार ट्रक की जरूरत पड़ती है। हर दिन 600 गाड़ियों की जरूरत सेब सीजन में पड़ती है।
बागवानों ने मांग उठाई कि बागवानों को सबसे बड़ी समस्या खराब सड़कों की आती है। इसलिए ग्रामीण क्षेत्रों को जोड़ने वाली सड़कों को दरुस्त किया जाए। इसके अलावा ट्रक बागवानों से प्रति नग भाड़ा बसूल करते है। जबकि ये वजन के हिसाब से लिया जाना चाहिए। ट्रक यूनियन पर भी नकेल कसी जाए क्योंकि सेब सीजन के दौरान इनकी मनमानी देखने को मिलती है। साथ ही जब सेब से लदे ट्रक हादसे का शिकार होते है तो उसका बागवानों को कुछ नही मिलता है।
डीसी शिमला अमित कश्यप ने बागवानों की बात सुनने के बाद कहा कि बागवानों को ट्रक उपलब्धता, टैक्स माफ़ी, ट्रैफिक जाम, सेब विपणन और सेब बॉक्स जैसी सभी समस्याओं से निपटा जाएगा।