विकसित देशों के मुकाबले विकासशील देशों में हार्ट अटैक के मामले बहुत ज्यादा है। 2015 के आंकड़ों के मुताबिल दुनियाभर में 62 मिलियन लोग दिल की बीमारी से जूझ रहे है। भारत मे सबसे ज्यादा दिल के मरीज़ है मरने वालों की संख्या भी ज्यादा है। हार्ट अटैक के लिए मधुमेह भी एक बड़ा कारण है। दिल की बीमारी को लेकर भारत की डॉक्यूमेंट्सन बहुत ख़राब है।
जिसकी वजह भारत मे दस मिलियन लोग दिल के मरीज है। भारत में 20 साल पहले ही युवा अवस्था में दिल की बीमारी हो रही है। यहां 30 फ़ीसदी दिल के मरीज़ अस्पताल से जीवित नहीं जा पाते हैं। दूसरा भारत मे दिल की बीमारी का इलाज़ बहुत महंगा है।
ये बात फोर्टिस हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के डॉ. करुण बहल ने दी। उन्होंने बताया कि भारत अब दिल के बीमारी को लेकर प्रगति कर रहा है। भारत में नई दवाईयां आ गई है जो 3000 प्रति माह के खर्चे के हिसाब से मिल रही है। बावजूद इसके 23 फ़ीसदी लोग हार्ट अटैक से मौत के मुहं में चले जाते हैं।