हिमाचल प्रदेश वन विकास निगम के करुणामूलक आश्रितों के सिर से पिता का साया उठने के बाद अब नौकरी के लिए धक्के खाने पड़ रहे हैं। बार-बार निगम और सरकार से गुहार लगाने के बाद भी 130 करुणामूलक आश्रितों को केवल आश्वासन ही मिल रहा है। कई आश्रितों की उम्र भी अब 45 साल होने को है। करुणामूलक आश्रितों ने सरकार से गुहार लगाई है कि सरकार आश्रितों को वन टाइम रिलेक्शन देकर तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के पदों पर भर्ती करें।15 दिन के भीतर अगर सरकार कोई निर्णय नहीं लेती है तो आश्रित अनशन पर बैठ जाएंगे।
हिमाचल वन विकास निगम करुणामूलक आश्रित संघ के अध्यक्ष दिनेश कुमार ने कहा कि 2005 के बाद वन विकास निगम में करुणामूलक आधार पर किसी की भी भर्ती नहीं हुई है जबकि निगम में विभिन्न श्रेणियों के 175 पद खाली चल रहे हैं। आश्रितों ने मांग की है कि अगर वन निगम में खाली नहीं है तो किसी दूसरे विभाग में उनको नौकरी प्रदान करें। आश्रित चतुर्थ श्रेणी के पद पर भी नौकरी करने को तैयार है। सरकार जल्द वन निगम के 130 करुणामूलक आश्रितों को राहत देने का काम करे अन्यथा करुणामूलक आश्रित सरकार के खिलाफ आंदोलन करने को मजबूर होंगे।