<p>हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड-19 डयूटी के उपरांत क्वारंटाइन करने के फैसले को वापस लेने का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा। अब इसको लेकर हिमाचल प्रदेश मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन ने भी मोर्चा खोल दिया है। एशोसिएशन द्वारा कोविड—19 के दौरान डयूटी दे रहे डाक्टरों को इंस्टीट्यूटनल क्वारंटाइन न करने के बजाए सीधे घर भेजकर उनके परिवार सहित लोगों को खतरे में डालना करार दिया है।</p>
<p>एसोसिएशन की मंडी यूनिट के प्रधान और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. जितेंद्र सिंह रूडक़ी ने कहा कि कोविड-19 डयूटी दे रहे स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड ड्यूटी देने के बाद 14 दिन का क्वारंटाइन पीरियड मिलना ही चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले की तरह स्वास्थ्य कर्मियों को 14 दिन क्वारंटाइन करने की गाईडलाइन को बदलने से डॉक्टरों में भारी रोष व्याप्त है। इस गाईडलाइन को बदलना बहुत दुखद घटना है। उन्होंने कहा की पहले सरकार द्वारा बनाए नियम के आधार पर 7 दिन की कोविड ड्यूटी के बाद डॉक्टरों को 14 दिन के इंस्टीट्यूटनल क्वारंटाइन किया जाता था और इसी के बीच इनके 2 सैंपल भी लिए जाते थे। </p>
<p>रूड़की ने कहा कि सैंपल नेगेटिव होने पर ही उन्हें घर भेजा जाता था। लेकिन सरकार द्वारा अब इस निर्णय को बदलने से स्वास्थ्य कर्मी के परिवार के अलावा अन्य लोगों में संक्रमण फैलने का खतरा होगा। इससे सबसे बड़ा खतरा कम्युनिटी स्प्रेड का होगा। उन्होंने कहा कि महामारी के संक्रमण को देखते हुए और जनता की भलाई में क्वारंटाइन पीरियड 14 दिन का आवश्यक है उसको जारी रखा जाना चाहिए। उन्होंने प्रदेश सरकार से स्वास्थ्य कर्मियों के 14 दिन के क्वारंटाइन पीरियड की गाईडलाईन को जारी रखने की अपील की है। </p>
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