हिमाचल प्रदेश की एकमात्र नशा मुक्त जेल जिला कारागार धर्मशाला के दो दर्जन कैदियों ने योग से समाज में परिवर्तन लाने का संकल्प लिया है । हिमालय हरिद्वार हॉस्पिटल योग समिति एवं त्रिगर्त दिव्य साधना केंद्र नगरकोट कांगड़ा के संस्थापक योगाचार्य रंजीत सिंह के सानिध्य में कैदियों ने तीन दिन के योग शिविर में जो ज्ञान प्राप्त किया उसी का परिणाम है कि यह कैदी अपने दायित्वों के प्रति संजीदा हुए हैं ।
हाल ही में जिला कारागार धर्मशाला में आयोजित तीन दिवसीय योग शिविर में दो दर्जन कैदियों ने संकल्प लिया है कि वे जब इस काल कोठरी से बाहर जाएंगे तो योग के लिए कार्य करेंगे । योगाचार्य रंजीत सिंह कहते हैं कि इंसान कोई बुरा नही होता है। सबके भीतर परमात्मा का ही स्वरूप है बस जाने अनजाने में इंसान से भूल हो जाती है। यदि समर्थ गुरु के सानिध्य में व्यक्ति प्रयाश्चित कर जीवन में परिवर्तन कर पुण्य कार्य में लगाना चाहता है तो उसका सबसे बड़ा उदाहरण जिला कारागार में रह रहे कैदी हैं।
जेल उप अधीक्षक विनोद चम्बयाल के प्रयासों से योग गुरु रणजीत के सात्विक विचार से पूर्ण शब्दों व ध्यान योग की क्रियाओं ने कैदियों का हृदय परिवर्तन कर राष्ट्र सेवा के लिए संकलिप्त किया । जिसमें से ध्रुव दास बैजनाथ, सावन पठानकोट, बाली राम कुल्लू, नन्दलाल कुल्लू, सावन गुप्ता गुड़गांव, लात्रा दून नूरपूर, सुरिंदर सिंह कांगड़ा , मखन बिहार, संदीप जम्मू, राज कुमार पालमपुर, पूर्ण मणिकर्ण, बलविंदर ज्वाला जी, गुरशरण एस बी एस नगर पंजाब, सूरज गोरखपुर, दिनेश पालमपुर, पुरुषोत्तम धर्मपुर, प्रदीप कुमार टांडा राजपुर, अशोक राणा पालमपुर, अश्वनी पठानकोट, कुलजीत सिंह जम्मू इन 20 कैदियों ने विश्व विख्यात ट्रिपल एच योग साधना केंद्र में योग गुरु रणजीत के सानिध्य में योग प्रशिक्षण प्राप्त करने का संकल्प लिया और योग से जीवन परिवर्तन कर समाज सेवा का संकल्प लिया।