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शहरी आजीविका मिशन के 2398 स्वयं सहायता समूह गठित: सरवीण चौधरी

समाचार फर्स्ट डेस्क |

शहरी विकास विभाग गरीबों के उत्थान के लिए दीनदयाल अन्त्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन का संचालन कर रही है। इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों में रह रहे गरीब परिवारों का सामाजिक एवं आर्थिक स्तर उन्नत करना है। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत नगरपालिका परिषद् ज्वालामुखी में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यशाला के अवसर पर शहरी विकास मंत्री सरवीण चौधरी बोल रहीं थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में चल रही सरकार ने पदभार संभालते ही शहरी क्षेत्रों की उन्नती की ओर प्राथमिकता के साथ कईं कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि शहरी आजीविका मिशन के तहत अभी तक 2398 स्वयं सहायता समूह बनाए गए हैं, जिसमें से 1780 समूहों को दस हजार रूपये का रिवॉल्विंग फंड दिया जा चुका है। उन्होंने बताया कि अभी तक 103 एरिया रिवॉल्विंग फेडरेशन बनाए गए हैं, जिसमें 74 स्वयं सहायता समूहों को 50 हजार रूपये का रिवॉल्विंग फंड दिया जा चुका है।

कार्यशाला के दौरान गठन के तीन माह पूरे कर चुके 570 स्वयं सहायता समूहों को 10 हजार एवं 22 एरिया लेवल फेडरेशन को 68 लाख रूपये का रिवॉल्विंग फंड को स्वीकृति दी जा रही है, जो कि कुछ दिनों में सीधे इनके बैंक खातों में जाएगी। उन्होंने बताया कि राज्य के सभी 54 शहरी निकायों में रेहड़ी फड़ी वालों का सर्वे कराया गया और लगभग 5000 रेहड़ी फड़ी वालों को विभिन्न पाठयक्रमों में प्रशिक्षन प्रदान किया गया है तथा 2822 रेहड़ी फड़ी वालों को पहचान पत्र भी जारी किए जा चुके हैं। इस वित्तीय वर्ष में शहरी आजीविका मिशन के तहत 13 रैन बसेरों के नवीनीकरण के लिए 186 लाख रूपये स्वीकृत किए जा चुके हैं। उन्होंने बताया कि दीनदयाल उपाध्याय शहरी आजीविका मिशन के सफल संचालन के लिए वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए उत्तरपूर्व एवं हिमालयन राज्यों की श्रेणी में हिमाचल प्रदेश को पहले स्थान पर चुना गया तथा पुरुस्कार स्वरूप भारत सरकार द्वारा पांच करोड़ रूपये का अतिरिक्त अनुदान एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना लागू होने के बाद अभी तक कुल 150 करोड़ रूपये की राशि स्वीकृत की गई, जिसमें 5851 घरों के निर्माण की प्रक्रिया शुरु हो गई है तथा 1642 घरों का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।

इस अवसर पर योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष रमेश चंद धवाला के कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से पुरे प्रदेश में महिलाएं अभुतपूर्व कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं परिवार की संचालक हैं और उनके सशक्त होने से पूरा परिवार और अंततः पूरा प्रदेश सशक्त होगा। आज का युग तकनीक और कौशल का युग है अथवा कौशल शिक्षा ग्रहण करना और तकनीक को सीखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत प्रदेश ने बहतर प्रदर्शन किया है, जिससे बहूत सी महिलाओं को स्वयं सहयता समूहों के माध्यम से आजीविका अर्जित करने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ। इससे सरवीण चौधरी एवं रमेश धवाला ने प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से आए स्वयं सहायता समूहों द्वारा लगाई गई प्रदशर्नी का अवलोकन कर उनकी कृतियों की सराहना की। इस अवसर पर जी.के एजुकेशनल ट्रस्ट, आईआईएसडी, डीएवी-आईटीसी, आईआरआईएस लर्निंग और कल्पना चावला संस्थान के साथ दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत एमओयु भी हस्ताक्षरित किए गए। आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय भारत सरकार से आई सलाहकार ऋतुपूर्णा बेनर्जी ने स्ट्रीट वेंडर के बारे में सबकी विस्तृत जानकारी दी।