प्रदेश के सबसे शिक्षित जिला हमीरपुर आज 1 सितंबर को 47 साल का हो गया। 1972 में जिला का गठन हुआ था जिसके बाद इस जिले ने शिक्षा के क्षेत्र के साथ-साथ राजनीतिक रूप से भी अपनी पहचान बनाई है। 1972 से शुरू हुआ जब कांगड़ा से इसको एक अलग कर दिया गया। 1972 से लेकर 2019 तक के सफर की बात करें तो बहुत बड़ा बदलाव इस दौरान हमीरपुर के लोगों ने देखा और एक छोटा सा कस्बा देखते ही देखते शिक्षा का हब के रूप में पूरे प्रदेश में मशहूर हो गया। इसके साथ ही जब एनआईटी हमीरपुर में आया तो शिक्षा के जगत में एक बहुत बड़ा मुकाम उस समय हमीरपुर को हासिल हुआ।
उसके बाद 1998 में भाजपा की सरकार बनी प्रेम कुमार धूमल का भी इस ज़िले में अधिकतर योगदान रहा। राजनीतिक रूप से भी जब हमीरपुर से सख्त हुआ तो विकास की रफ्तार बढ़ी और इसके साथ ही हमीरपुर में कई तरह के नए संस्थान शिक्षा से संबंधित खुले जिससे स्वरोज़गार और रोज़गार दोनों तरह के कई नए दरवाजे़ भी हमीरपुर के लिए खुल गए। मौजूदा वक़्त की बात करें तो हमीरपुर जिला में इस समय मेडिकल कॉलेज, होटल मैनेजमेंट कॉलेज, एनआईटी टेक्निकल यूनिवर्सिटी, एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के अलावा शिक्षा से जुड़ी कई ऐसी एकेडमी चल रही हैं जिनका नाम पूरे प्रदेश में जाना जाता है।
हालांकि, अभी यहां राजनीतिक चर्चाएं 2017 के चुनावों के बाद कुछ ठंडी पड़ गई थीं, लेकिन सांसद अनुराग ठाकुर ने फ़िर इन्हें शीर्ष पर पहुंचा दिया है। इसके साथ ही खेलों में विजय कुमार के रूप में ओलंपियन फौज में बड़ी संख्या में हीरो, चिकित्सा के क्षेत्र में डॉक्टर डीएस राणा, शिक्षा के क्षेत्र में हिम एकैडमी, फिल्म इंडस्ट्री में हमीरपुर के लोगों का नाम और राजनीतिक के क्षेत्र में काफी जाना जाता है। इस मौके पर सांसद अनुराग ठाकुर ने हमीरपुर के लोगों को बधाई दी है और आशा की है कि भविष्य में भी यह जिला इसी स्पीड के साथ तरक्की करेगा और एक अपना अलग मुकाम हासिल करेगा।