केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के गृह जिला बिलासपुर में स्वाइन फ्लू से पीड़ित रोगियों की संख्या सात तक पहुंच चुकी है। गौरतलब है कि दो साल की एक बच्ची की स्वाइन फ्लू की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। बिलासपुर में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वी.के चौधरी ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि जिला बिलासपुर के घुमारवीं क्षेत्र से संबंधित दो स्वाइन फ्लू से पीड़ित रोगी आईजीएमसी में उपचाराधीन हैं । जिला बिलासपुर में स्वाईन फ्लू से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विशेष जनजागरूकता अभियान शुरू किया है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. वी.के चौधरी ने लोगों को स्वाईन फ्लू से बचाव करने के लिए एहतियात बरतने के साथ-साथ सतर्क रहने की सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि स्वाइन फ्लू से घबराने की आवश्यकता नहीं है। थोड़ी सी सावधानी बरतने से स्वाइन फ्लू से बचा जा सकता है। स्वाइन फ्लू से बचाव व उपचार दोनों ही संभव है। उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू एक विशेष प्रकार के इन्फ्लुएंजा-ए (एच 1 एन 1) वायरस से ग्रसित व्यक्ति के सम्पर्क में आने से हो सकता है। स्वाइन फ्लू के मुख्य लक्षण बुखार, खांसी, गला दुखना, नाक बहना, सिर दर्द, बदन दर्द, थकान, सांस लेने में कठिनाई, दस्त तथा उल्टियां आदि होते हैं।
उन्होंने कहा कि विशेष तौर पर बच्चों, गर्भवती महिलाओं, बुजूर्गों, शुगर (मधुमेह) एवं दमे के मरीजों में स्वाइन फ्लू होने का खतरा ज्यादा रहता है। समझदारी और सहयोग से काम लेने पर इसे कम किया जा सकता है। खांसते अथवा छिंकते समय अपने मुंह एवं नाक को रूमाल से ढकें, अपनी नाक, आंखों अथवा मुंह को छूने से पहले अथवा पश्चात अपने हाथ साबुन से अच्छी तरह धोएं, इन्फ्लुएंजा-ए (एच 1 एन 1) के लक्षण जैसे खांसी, बहती नाक, छींक एवं बुखार से प्रभावित व्यक्तियों से कम से कम 3 फीट की दूरी बनाऐं रखें, अच्छी नींद लें, शारीरिक रूप से सक्रिय रहें तथा तनाव से बचें, स्वच्छ तथा अधिक मात्रा में पानी पीयें तथा पोषणयुक्त भोजन का सेवन करें तथा खुली हवा में सांस ले तथा योग क्रिया करें।
उन्होंने बताया कि संदिग्ध/संक्रमित व्यक्तियों से हाथ न मिलायें, गले न लगे अथवा अन्य सम्पर्क बढ़ाने वाले कार्य न करें, डाक्टर की सलाह के बिना कोई दवा न लें, अत्याधिक भीड़भाड़ वाले स्थानों पर न जायें, खुलें में न थूकें। उन्होंने लोगों से आहवान किया है कि यदि इस प्रकार के लक्षण दिखाई दे तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में जाकर तुरन्त चिकित्सक से परामर्श लेना सुनिश्चित करें।