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HRTC के 8000 कर्मचारियों को बड़ी राहत, सरकार ने मानी सभी मांगे

समाचार फर्स्ट डेस्क |

विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही निगम प्रबंधन ने एचआरटीसी के 8000 कर्मचारियों को राहत दी है। एचआरटीसी संयुक्त समन्वय समिति की तकरीबन सभी मांगें मान ली गई हैं। परिवहन निगम को रोडवेज बनाए जाने का मामला प्रदेश सरकार को भेजे जाने और कर्मचारियों को डीए और आईआर का मामला आगामी बीओडी बैठक में ले जाने पर सहमति बनी है।

करीब एक साल बाद निगम प्रबंधन और संयुक्त समन्वय समिति के बीच यह बैठक हुई है। तारादेवी में आयोजित इस बैठक की अध्यक्षता कार्यकारी निदेशक विवेक चंदेल ने की। बैठक में निगम प्रबंधन की ओर से उपस्थित अधिकारियों में कार्यकारी निदेशक, मुख्य लेखाधिकारी, मंडलीय प्रबंधक (प्रशासन) उप मंडलीय प्रबंधक (श्रम एवं कानून) सहायक प्रबंधक स्टोर, अनुभाग अधिकारी शामिल हुए जबकि, संयुक्त समन्वय समिति की ओर से अध्यक्ष देव राज ठाकुर, सचिव राजेंद्र ठाकुर और चालक एवं परिचालक संगठन, तकनीकी संगठन, सर्व कर्मचारी संगठन, परिचालक संगठन, इंटक, एटक संगठनों के चार-चार प्रतिनिधि शामिल हुए।

इन मांगों पर बनी सहमति:-

  •  14 जून, 2016 के प्रदर्शन के कारण कर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई को रद्द करना
  •  एचआरटीसी को रोडवेज बनाया जाए
  • पेंशनरों तथा कर्मचारियों के सभी वित्तीय लाभ देने
  •  डीए तथा अंतरिम राहत प्रदान करना
  •  पेंशन के लिए प्रदेश सरकार के बजट में प्रावधान करना
  •  भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संगठनों की सहमति से संशोधन करना
  •  कर्मशालाओं की मरम्मत तथा रखरखाव मापदंड के अनुसार करना
  •  आधुनिक टूल और मशीनरी उपलब्ध करवाना
  •  सभी वर्गों की पदोन्नति प्रक्रिया पूरी करना
  • सभी प्रकार की भर्ती प्रदेश सरकार के भर्ती नियमों के अनुसार पे बेंड ग्रेड पे पर ही करना
  • 1 अक्तूबर 2012 के बाद नियुक्त चालकों का पूर्व की तरह 9880 रुपये आरंभिक वेतन बहाल करना
  • प्रत्येक कर्मचारी को साप्ताहिक अवकाश चरणबद्ध तरीके से कटवाना
  • वर्दी राशि को 3000 रुपये वार्षिक और धुलाई भत्ता 250 रुपये मासिक करना
  •  निजी रूट परमिटों की समीक्षा करना
  •  निगम की समयसारिणी को प्रभावित करने वाले समानांतर निजी रूट परमिट रद्द करना
  • सभी प्रकार के वाहनों का अवैध और अनाधिकृत संचालन रोका जाना