अपने बेबाक अंदाज के चलते हमेशा सुर्खियों में रहने वाली बॉलीवुड क्वीन कंगना रनौत ने इस बार हिमाचल से जुड़े एक मुद्दे को उठाया है। कंगना ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से हिमाचल में पहली बार सेब लाने वाले सैमुअल स्टोक्स के नाम पर किसी स्मारक या लैंडमार्क का नाम रखने की मांग की है। कंगना ने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर लिखा 'सैमुअल स्टोक्स भारतीय नहीं थे, लेकिन उन्होंने भारत की आजादी के लिए लड़ाई लड़ी और ब्रिटिश सरकार के देशद्रोह के आरोपों का सामना किया। वे एक अमीर अमेरिकी क्वेकर परिवार से थे, उन्होंने सब कुछ छोड़ दिया, संस्कृत सीखी, हिंदू बने, स्कूल स्थापित किया और हिमाचल प्रदेश में सेब पेश किया।
कंगना ने आगे लिखती हैं कि हिमाचल की अधिकांश कमाई सेब के बागों से होती है लेकिन लोग उनके बारे में नहीं जानते। मैं मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से अनुरोध करती हूं कि हिमाचल में एक प्रमुख भूमि का नाम सैमुअल स्टोक्स के नाम पर रखा जाए। ये एहसान हमें अपने आप करना चाहिए। क्योंकि सैमुअल ने जीवन भर हिंदू धर्म का पालन किया। पितृपूजा का हमारी संस्कृति में सर्वोच्च महत्व है और हमें इस बात का सम्मान करना चाहिए जिनके कर्म, कड़ी महेनत और पराक्रम आज हिमाचल के लाखों लोगों को रोजगार दे रहे हैं।'
गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के सेब पूरे देश में मशहूर है। यहां के सेब को विदेशों में भी खूब पसंद किया जाता है। लेकिन, जिस सेब ने हिमाचल को नई पहचान दी है। वो 100 साल पहले यहां की वादियों में नहीं होता था। सैमुअल स्टोक्स ने सेब को अमेरिका से लाकर शिमला के कोटगढ़ थानाधार में लगाया था। 2 बीघा जमीन पर शुरू हुई सेब की खेती 1 लाख 10 हजार हैक्टेयर में फैल गई है।
बता दें कि सैमुअल स्टोक्स साल 1905 में हिमाचल आए थे। उन्होंने यहां एक स्थानीय युवती से शादी की और आर्य समाजी बन गए। उन्होंने अपना नाम बदलकर सत्यानंद स्टोक्स रख लिया थी। कोटगढ़ में उस दौर में उन्होंने एक स्कूल भी खोला था। 1946 में सत्यानंद स्टोक्स का निधन हो गया। सत्यानंद स्टोक्स कांग्रेस की वरिष्ठ नेता एवं पूर्व मंत्री और विधायक विद्या स्टोक्स के ससूर थे।