हिमाचल के कुल्लू जिला के 37 साल के यशपाल के पास आधार कार्ड न होने से अपनी विकंलागता पेंशन नहीं मिल रही है। सरकार ने किसी भी स्कीम का लाभ लेने के लिए आधार कार्ड का होना अनिवार्य कर दिया है।
कुल्लू के डूगीलग गांव के यशपाल को इसकी वजह से कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। यशपाल का शरीर 100 प्रतिशत अपंग है। जिससे उन्हें काफी कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है बावजूद इसके सरकार उन्हें विकलांगता पेंशन तक मुहैया नहीं करवा रही। जिससे परिवार को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
यशपाल की माता, शकुंतला ने बताया कि पिछले 6 महिने से उनकी (यशपाल) पेंशन पोस्ट ऑफिस में पड़ी हुई है। और अधिकारियों का कहना है कि पैसे बिना आधार के नहीं दिए जा सकते। शकुंतला ने बताया कि गांव में न ही टास्पोर्टेशन की सुविधा है। आधार कार्ड बनाने के लिए उन्हें कुल्लू पैदल नहीं ले जाया जा सकता है।
वहीं दो दिन पहले ही उन्हें बड़ी मुशिकल से कुल्लू पहुंचाया गया था पर विकंलागता के चलते संबधित अधिकारी उनके फिंगर प्रिंट नहीं ले सके। उन्हें बार-बार इतनी दूर ले जाना बड़ा कठिन है। शकुंलता ने राज्य और केंद्र सरकार से ऐसे लोगों के लिए विशेष प्रावधान लागू करने की मांग की है।
यही एक पहला केस नहीं है इससे पहले निरमंड में भी इसी तरह का मामला सामने आया था। कुल्लू के डिप्टी कमीश्नर युनुस खान ने कहा कि उन्होंने इस मामले को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया है। औऱ जल्द ही उन्हें वैन मुहैया करवाई जाएगी ताकि जल्द से जल्द उनका आधार कार्ड बन सके। साथ ही डीसी डिप्टी युनुस खान ने उनके इलाज के लिए 25000 रूपए की आर्थिक सहायता दी।