जिला ऊना में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ऊना इकाई द्वारा आज शिक्षा के व्यापारीकरण के विरुद्ध विद्यार्थी परिषद का धरना प्रदर्शन किया गया। यह धरना प्रदेश में शिक्षा के और फर्जीवाड़े के विरुद्ध किया गया। 2009 में जब प्रदेश में एक साथ 10 से अधिक निजी विश्वविद्यालय खोले गए तो विद्यार्थी परिषद में इसका विरोध किया था। विद्यार्थी परिषद ने मांग की थी कि छोटे से प्रदेश में इतने अधिक निजी विश्वविद्यालय को खोलना उचित नहीं है।
ये गुणात्मक शिक्षा के बजाय शिक्षा को बेचने का गोरख धंधा बन जाएगा। विद्यार्थी परिषद ने उस समय शिक्षा के व्यापारीकारण के विरुद्ध प्रदेशव्यापी आंदोलन किया था। शिक्षा के व्यापारी करण को बंद करने की मांग की थी। परंतु आज यह सच साबित हुआ है कि सबके सामने मानव भारती विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्रियां बेचने का मामला भी सामने आया है।
विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से मांग करती है की प्रदेश की सभी निजी विश्वविद्यालय औऱ शिक्षण संस्थानों की उचित जांच की जाए ताकि शिक्षा के व्यापारीकरण के इस तरह के कुकृत्य ना हो जो विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करें औऱ प्रदेश की छवि को खराब करें।
विद्यार्थी परिषद मांग करती है की निजी विश्वविद्यालय की निगरानी हेतु बने नियामक आयोग की भी जवाबदेही ली जाए ताकि उनकी निगरानी में प्रदेश के अंदर इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कैसे हो रहा है। विधार्थी परिषद सरकार से मांग करती है कि जल्द से जल्द सभी निजी विश्वविद्यालय की जांच की जाए अन्यथा विद्यार्थी परिषद प्रदेशव्यापी आंदोलन से परहेज़ नहीं करेगी।