शिमला में आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सभी महाविद्यालय इकाइयों में धरना प्रदर्शन कर नियामक आयोग और फर्जीवाड़े मामले को लेकर जमकर नारेबाजी कर शिक्षा के व्यापारी करण को बंद करने की मांग की गई। हिमाचल प्रदेश में शिक्षा के व्यापारीकरण औऱ फर्जीवाड़े का मामला आज प्रदेश के सामने आया है। जब प्रदेश में अत्याधिक निजी विश्वविद्यालय खोले गए तो विद्यार्थी परिषद में इसका विरोध किया था।
विद्यार्थी परिषद ने मांग की थी कि छोटे से प्रदेश में इतने अधिक निजी विश्वविद्यालय को खोलना उचित नहीं है ये गुणात्मक शिक्षा के बजाय शिक्षा को बेचने का गोरख धंधा बन जाएगा। विद्यार्थी परिषद ने उस समय शिक्षा के व्यापारीकारण के विरुद्ध प्रदेशव्यापी आंदोलन किया था और शिक्षा के व्यापारी करण को बंद करने की मांग की थी। परंतु आज यह सच साबित हुआ है। सबके सामने मानव भारती विश्वविद्यालय में फर्जी डिग्रियां बेचने का मामला सामने आया है।
जिला संयोजक सचिन ने चेतावनी देते हुए बताया कि इस प्रकार से शिक्षा के क्षेत्र में हो रही गड़बड़ियां और डिग्रियों का फर्जीवाड़ा विद्यार्थी परिषद कदापि सहन नहीं करेगा और विद्यार्थी परिषद सरकार से मांग करती है कि जो भी निजी विश्विद्यालय इसमें संलिप्त पाए जाते है। उनकी मान्यता तुरंत रद्द कर दी जानी चाहिए और साथ ही सभी निजी विश्विद्यालय में समय-समय पर जांच पड़ताल औऱ उन पर नजर रखी जानी चाहिए। विद्यार्थी परिषद मांग करती है कि शिक्षा को धंदा बनाने वाले नियामक आयोग के अध्यक्ष को भी जल्द से जल्द उनके पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए।
यदि प्रशाशन द्वारा समय रहते इसमें कोई कार्रवाई नहीं की गई वो प्रदेश सरकार औऱ प्रशाशन के खिलाफ विद्यार्थी परिषद मोर्चा खोल देगी और ये आंदोलन इतना बड़ा होगा। जिसमें प्रदेश के सभी छात्रों को लामबंद करते हुए विद्यार्थी परिषद उग्र से उग्र आंदोलन से भी पकरहेज नहीं करेगी। विद्यार्थी परिषद प्रदेश सरकार से मांग करती है की प्रदेश की सभी निजी विश्वविद्यालय औऱ शिक्षण संस्थानों की उचित जांच की जाए ताकि शिक्षा के व्यापारी करण के इस तरह के कुकृत्य ना हो जो विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करें औऱ प्रदेश की छवि को खराब करें।
विद्यार्थी परिषद मांग करती है की निजी विश्वविद्यालय की निगरानी हेतु बने नियामक आयोग की भी जवाबदेही ली जाए की उनकी निगरानी में प्रदेश के अंदर इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कैसे हो रहा है। विधार्थी परिषद सरकार से मांग करती है कि जल्द से जल्द सभी निजी विश्वविद्यालय की जांच की जाए अन्यथा विद्यार्थी परिषद प्रदेशव्यापी आंदोलन से गुरेज नहीं करेगी।