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कोचिंग संस्थानों की मनमानी पर नीति की मांग, कुलपति नियुक्ति पर चिंता

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• एबीवीपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक छत्तीसगढ़ में 29-31 मई तक आयोजित हुई
• कोचिंग संस्थानों की मनमानी, कुलपति नियुक्ति में देरी और भारत की कूटनीति पर प्रस्ताव पारित
• बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर वर्षभर चलेंगे आयोजन

शिवांशु शुक्‍ला, धर्मशाला


देश की सबसे बड़ी छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की तीन दिवसीय बैठक 29 से 31 मई तक छत्तीसगढ़ में संपन्न हुई, जिसमें देशभर से 478 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस बैठक में छात्र हितों, राष्ट्रनीति और संवेदनशील शैक्षणिक विषयों को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय और प्रस्ताव पारित किए गए।

मंगलवार को धर्मशाला में प्रेसवार्ता के दौरान एबीवीपी के राष्ट्रीय मंत्री राहुल राणा ने बताया कि बैठक में कोचिंग संस्थानों की मनमानी और विद्यार्थियों के शोषण पर कड़ी नीति निर्माण की मांग की गई। साथ ही उन्होंने केंद्रीय विश्वविद्यालयों में कुलपति की नियुक्ति प्रक्रिया में हो रही देरी को शिक्षा व्यवस्था की गुणवत्ता में बाधा बताया और इसमें सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।

बैठक में भारत की आंतरिक सुरक्षा और वैश्विक स्तर पर भारत की कूटनीति से संबंधित प्रस्ताव भी पारित किए गए। इसके अतिरिक्त, भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर उनके जीवन व संघर्ष पर आधारित कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित करने का निर्णय लिया गया।

आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में भी 25 जून से दो वर्षों तक संवाद और कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिससे छात्रों में लोकतांत्रिक मूल्यों और इतिहास की समझ को बढ़ावा दिया जा सके।

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी संगठन ने पहल की है – बैठक में प्लास्टिक की नेम प्लेट की जगह गाय के गोबर से निर्मित इको-फ्रेंडली नेम प्लेट का प्रयोग किया गया।

राहुल राणा ने यह भी जानकारी दी कि एबीवीपी की सदस्यता संख्या अब 60 लाख तक पहुंच गई है, जो यह दर्शाता है कि संगठन देश के युवाओं में अपनी स्वीकार्यता और प्रभाव को लगातार बढ़ा रहा है।

प्रेस वार्ता में हिमाचल प्रांत मंत्री नैंसी अटल, सह मंत्री अभिनव चौधरी और कांगड़ा विभाग संयोजक जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहे।