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मंडीः बीबीएमबी स्कूलों में बच्चो से भेदभाव पर भड़के परिजन, शूज, वर्दी औऱ किताबे मनमर्जी से थोपने का आरोप

नवनीत बत्ता, हमीरपुर |

जिला मंडी के सुंदरनगर में पिछले लंबे समय से बीबीएमबी सरकारी स्कूलो में बच्चो से वर्दी को लेकर भेदभाव किया जा रहा है। बोर्ड चैयरमेन द्वारा सभी स्कूल में एक सम्मान वर्दी के निर्देश उपरांत समाप्त हो गया था। गत वर्ष ही इस बाबत कुछ स्कूलों में फ़ेरबदल करते हुए सलापड,पण्डोह औऱ सुंदरनगर के दोनों स्कूलों सहित सभी में एक जैसी वर्दी लगाई गई थी। लेकिन हाल ही में बीएसएल मॉडल स्कूल में स्कूल प्रबंधन औऱ कुछ बीबीएमबी अधिकारियों द्वारा जानबुझ कर चेयरमेन के समानता के निर्देशों को अवेहलना करते हुए फिर भेदभाव की नीति अपनाई है और स्कूल में वर्दी औऱ शूज को बदलने का निर्णय थोप दिया है।

जिस पर अभिवावकों और बच्चो में भारी रोष व्याप्त है। गौर हो कि स्कूलों में भेदभाव के चलते बीबीएमबी के सुंदरनगर स्थित मॉडल स्कूल में 800 के करीब बच्चे है। जबकि दूसरे स्कूल में बच्चो की सख्या मात्र 400 रह गई है। वहीं, दुकानदारों का आरोप है कि यह व्यक्ति विशेष को फायदा पहुंचाने की साजिश है। कुछे दुकानदार के कपड़ो के बूट के सेम्पल अप्रूव कर उन्हें अधिमान दिया जा रहा है और ऐसा ही हाल पाठ्य सामग्री में भी है। जहां कुछ चुनिदा महंगी निजी प्रकाशकों की किताबें लगाई जा रही है।

पिछले लंबे समय से सुंदरनगर स्थित बीबीएमबी के दोनों स्कूलों एकीकरण करने की फिर मांग उठने लगी है। अभिवावकों का कहना है कि दोनों स्कूल जो कुछ मीटर की दूरी पर स्थित है को इकट्ठा कर  इनका नाम एक बराबर मॉडल स्कूल रखा जाए। एक स्कूल में 6-12 तक की कक्षाए दूसरे स्कूल में नर्सरी के जी सहित 1से 5 वी तक की कक्षाए सचालित की जाए । जिससे बच्चों औऱ उनके अभिवावकों में समानता की भावना पैदा हो और प्रत्येक प्रकार  भेद भाव समाप्त किया जा सका। यह पीटीए सहित सभी का सामूहिक फैसला है और बीबीएमबी अधिकारियों की भी इसमें सहमति है। तो वहीं, बांगड़ एसई ने बताया की हमने किसी भी स्कूल को वर्दी बदलने के निर्देश नहीं दिए है। यह वह अपने लेवल पर कर रहे होंगे।