राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने हिमाचल में अपने कार्यकाल के लिए प्रदेश के सभी लोगों का धन्यवाद किया। प्रधानमंत्री और केंद्रीय नेतृत्व ने उनपर विश्वास ज़ाहिर कर जो गुजरात का कार्यभार सौंपा है। उसके लिए धन्यवाद। हिमाचल में प्राकृतिक खेती, पर्यावरण बचाव, स्वच्छता अभियान, नशामुक्ति अभियान, देशी गाय का संबर्धन ओर बेटी पढ़ाओ और बेटी बचाओ मिशन को आगे बढ़ाया। इन्ही कार्यों को गुजरात मे भी आगे बढ़ाया जाएगा।
हिमाचल प्रदेश प्रदेश में प्राकृतिक खेती का जो कार्य शुरू किया है उससे दस हज़ार किसान जुड़े हैं। 2022 तक हिमाचल में सभी किसान इससे जुड़ें इस पर कार्य किया जा रहा है। वह स्वयं बीच बीच मे हिमाचल प्रदेश आकर प्राकृतिक खेती का जायज़ा लेते रहेंगे। गुजरात मे भी प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा ताकि देश भर में जहर मुक्त खेती हो और लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहे। आगामी 22 जुलाई को गुजरात का कार्यभार संभालेंगे।
कई आंदोलनों में सक्रिय रहे आचार्य
आचार्य देवव्रत का जन्म 18 जनवरी 1959 को पानीपत जिले के समालखा कसबे के पावटी गांव में हुआ। पिछले चार दशकों से उनका घर कुरुक्षेत्र में है और वे लंबे समय तक कुरुक्षेत्र गुरुकुल के प्राचार्य रहे हैं।
जीरो बजट खेती, गो संवर्धन और आर्य समाज की गतिविधियों के अलावा आरएसएस से जुड़े भारतीय किसान संघ के जिलाध्यक्ष रहते हुए कई आंदोलनों में सक्रिय रह चुके हैं। उनकी बड़ी भूमिका 13 अप्रैल 1913 को स्वामी श्रद्धानंदजी द्वारा स्थापित कुरुक्षेत्र गुरुकुल को बुलंदियों तक पहुंचाने में रही।