मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के गृह जिला मंडी के सुंदरनगर शहर में एक प्राइमरी स्कूल के असुरक्षित घोषित हुए भवन में मिड-डे-मील और स्टाफ उनकी गतिविधियां चल रही है जिसके कारण प्राइमरी स्कूल में शिक्षकों और बच्चों पर खतरा बना हुआ है। यहां शिक्षा विभाग नया निर्माण करना भूल चुका है। मामला शिक्षा विभाग जिला मंडी के राजकीय केंद्रीय प्राथमिक पाठशाला(बाल) सुंदरनगर-1 का है। यहां पर विभाग द्वारा स्कूल के नए भवन का निर्माण तो कर दिया गया हैं लेकिन इसके साथ ही मौजूद स्कूल का जर्जर भवन प्रदेश शिक्षा विभाग की पोल खोल रहा है।
इस जर्जर हो चुके भवन में 38 के करीब बच्चे शिक्षा ग्रहण करते हैं और बारिश होने पर कमरों में पानी टपकता है। दीवारों और छत से प्लास्टर उखड़ गया है। वहीं, इस भवन के पास ही बच्चों की कक्षाएं भी लगाई जाती हैं, जिससे किसी भी समय दुर्घटना होने का भी भय बना रहता है। स्कूल के इस अनसेफ भवन में मिड डे मील की रसोई और स्टाफ रूम चलता है और इसी भवन की छत के नीचे बच्चों को प्रतिदिन खाना भी खिलाया जाता है। इस भवन के साथ स्कूल को आने के लिए रास्ता भी मौजूद है, जिससे आते जाते समय कभी भी बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ कोई हादसा पेश आ सकता है।
बता दें कि इस भवन को लगभग 3 साल पहले अनसेफ घोषित कर दिया गया था और इस भवन एसडीएम सुंदरनगर और डिप्टी डाईरेक्टर एलिमेंट्री एजूकेशन मंडी ने भी इसका निरिक्षण किया था। इस भवन को गिराकर नए भवन के निर्माण को लेकर प्रपोजल भेजने के कई साल बीत जाने के बावजूद विभाग अपनी गहरी नींद से जाग नहीं रहा है। इससे यह प्रतीत होता है कि विभाग इस भवन के पुनर्निर्माण के लिए किसी बड़े हादसे का होने का इंतजार कर रहा है। हैरानी की बात यह है कि सुंदरनगर शहर के बीचोंबीच मौजूद इस स्कूल के भवन की दुर्दशा को सुधारने को लेकर आज दिन तक कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। स्थानीय लोगों ने स्कूल के पुराने भवन के अतिशीघ्र पुननिर्माण की मांग प्रदेश सरकार से की है।
शिक्षा विभाग ब्लाक सुंदरनगर-1 बीपीईओ मीरा देवी ने का कि तीन साल पहले स्कूल के जर्जर हो चुके भवन को डिस्मेंटल करने को लेकर एसडीएम सुंदरनगर को सूचना दे दी गई थी। उसके बाद विभाग के डिप्टी डाइरेक्टर ने स्कूल भवन का निरिक्षण किया था। विभाग की ओर जो आदेश आएंगे उसके अनुसार कार्य किया जाएगा।