हिमाचल कैबिनेट ने 10 सितंबर से बाबा बालकनाथ, चिंतपूर्णी, नैनादेवी, बज्रेश्वरी देवी, बाला सुंदरी, भीमाकाली, ज्वालाजी समेत कई अन्य बड़े मंदिरों और अन्य धार्मिक स्थलों को खोलने की भी अनुमति दी है।
1)धार्मिक स्थल खुलने के बावजूद 65 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों व 10 साल से कम उम्र के बच्चों का प्रवेश वर्जित होगा।
2)मंदिरों में घंटियों को हटाया जाएगा, घंटियों को न हटाने की स्थिति में इन्हें ढक कर रखना होगा।
3)घंटियों को छूने तथा एक मिनट से अधिक किसी को भी देवी देवताओं की मूर्ति के आगे खड़े होने की अनुमति नहीं होगी।
4)देवी देवताओं की प्रतिमा के साथ साथ किसी ग्रंथ को छूना भी मना होगा।
5)दिव्यांगों के लिए देवता दर्शन के विशेष बंदोबस्त करने होंगे।
6)कोरोना संक्रमण के फैलाव को रोकने के मद्देनजर जारी एसओपी के मुताबिक धार्मिक स्थलों के प्रवेश द्वार पर सेनेटाइजेशन व थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करनी होगी।
7)केवल ए सिम्पटोमेटिक लोगों को ही मंदिरों में आने की अनुमति होगी।
8) धार्मिक स्थलों में आगंतुक को छह फीट की दूरी बनानी होगी।
9) जूते चप्पल अपने वाहनों में खोलने होंगे। वाहन न होने की स्थिति में अलग अलग जगहों पर इन्हें रखना होगा।
10) धार्मिक स्थलों में पूजा करने के लिए दशर्नार्थी को अपनी मैट लानी होगी।
11)देव प्रतिमा को छूने की मनाही होगी। आरती, भजन अथवा संगीत रिकार्डिड ही चलेगा। सामाजिक दूरी के सिद्धांत की अनुपालना करनी होगी।
12) धार्मिक स्थलों में प्रवेश अंदर और बाहर जाने के लिए अलग- अलग रास्ते रहेंगे।
13) प्रवेश से पहले हाथ और पांव साबुन से धोने होंगे।
14) स्वास्थ्य विभाग के समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करना होगा।
15) समूह में भजन-कीर्तन पर रोक रहेगी।
16)प्रसाद बांटने और जल छिड़कने पर भी रोक रहेगी।
सरकार ने इन शर्तों के साथ प्रदेश में धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति दे दी है