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HC के आदेश से हुए तबादले में चुनाव आयोग की मंजूरी जरूरी नहीं

समाचार फर्स्ट डेस्क |

हिमाचल में कर्मचारियों के हाईकोर्ट के निर्देशानुसार तबादला करने के दौरान राज्य सरकार को चुनाव आयोग की अनुमति नहीं लेनी होगी। ऐसे मामलों में राज्य सरकार पर आदर्श आचार संहिता लागू नहीं होगी। इस संबंध में हाईकोर्ट ने अहम व्यवस्था दी है।

मुख्य न्यायाधीश सूर्यकांत व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला बिलासपुर की प्रधानाचार्य राकेश कुमारी की याचिका का निपटारा करते हुए यह व्यवस्था दी। मामले के अनुसार हाईकोर्ट ने प्रार्थी की याचिका पर शिक्षा विभाग को आदेश दिए थे कि वह प्रार्थी को बिलासपुर के नजदीक किसी स्कूल में स्थानांतरित किए जाने संभावना तलाशे। प्रार्थी ने 25 मार्च को मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया कि उसे बिलासपुर जिला की राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला हवाण में स्थानांतरित किया जा सकता है क्योंकि वहां के प्रधानाचार्य अपनी इच्छा से तलवाड़ा में सेवाएं देने पर राजी हो गए हैं।

मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि प्रार्थी की आपसी सहमति से तबादले का आग्रह कंसीडर कर लिया गया है। लेकिन आचार संहिता के कारण तबादला आदेश जारी करने से पहले चुनाव आयोग की मंजूरी ली जानी बाकी है।

कोर्ट ने मामले का निपटारा करते हुए शिक्षा विभाग को आदेश दिए कि वह एक सप्ताह के भीतर जरूरी आदेश जारी करे। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि तबादला आदेश कोर्ट के आदेशों के तहत किए जाने हैं। इस कारण चुनाव आयोग की मंजूरी की कोई आवश्यकता नहीं है।