हिमाचल सरकार इटली के बाद अब अमेरिका से सेब के पौधे आयात करेगी। विश्व बैंक की 1134 करोड़ की वित्तीय मदद से बागवानी विकास प्रोजेक्ट में सेब के पौधे आयात किए जाने हैं। पूर्व कांग्रेस सरकार ने सत्ता पर रहते हुए इटली से सेब के पौधे आयात किए थे और ये पौधे सूखने के बाद खासा विवाद खड़ा हुआ था। बागवानी विकास के प्रोजेक्ट में जिस गति से काम होना चाहिए था, वह गति नहीं आ पाई थी। अधिकारी कैलिर्फोनिया, कोलंबिया, वुडबर्न और गेटिसबर्ग का दौरा करेंगे।
प्रदेश में नई सरकार के सत्ता संभालने के बाद प्रोजेक्ट के काम में गति लाने का प्रयास करने के साथ ही अब सरकार ने इटली की फर्म से सेब के पौधे आयात नहीं करने का मन बना लिया है। सरकार ने अमेरिका से सेब के पौधे आयात करने पर गंभीरता दिखानी शुरू कर दी है। अमेरिका के विभिन्न शहरों में नर्सरियों का जायजा लेने के लिए बागवानी विभाग के दो अधिकारियों को दौरे पर भेजा जा रहा है। ये अधिकारी प्रोजेक्ट के खर्चे पर अमेरिका भेजे जा रहे हैं। अमेरिका के लिए ये अफसर 29 अक्तूबर को रवाना होंगे और 11 नवंबर को लौटेंगे।
पांच लाख सेब के पौधे इटली से किए थे आयात
विश्व बैंक की वित्तीय मदद से चल रहे बागवानी विकास प्रोजेक्ट के तहत करीब पांच लाख सेब के पौधे इटली से आयात किए गए थे। ये सेब के पौधे बागवानों को वितरित किए जाने थे। इन सेब के पौधे में से 25 फीसदी पौधे अफसरों की लापरवाही के कारण सूख गए थे और इससे काफी नुकसान हुआ है। ये सेब के पौधे आयात करने के बाद बद्दी के कोल्ड स्टोर में रखे गए थे, जिससे लाखों का नुकसान प्रोजेक्ट को हुआ था। इसके बाद सरकार ने इटली से सेब के पौधे आयात नहीं करने का मन बना लिया था।